Nature Camp Bilaspur : प्रकृति की गोद में एक मस्ती भरा पड़ाव
हाय दोस्तों, क्या हाल-चाल है? मैं, आपका दोस्त और खूबसूरत भारत का एक घुमक्कड़ अमित, आज आपको ले चलता हूँ एक ऐसी जगह, जो दिल को सुकून देती है और आँखों को हरियाली की ठंडक। बात हो रही है Nature Camp Bilaspur की, जो छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में खोंदरा गाँव के पास बोइरपड़ाव में बसी है। ये वो जगह है, जहाँ प्रकृति अपनी पूरी शान में नजर आती है। कुछ दिन पहले मैं अपने यारों – नवीन, दया और बलगोविंद – के साथ बाइक ट्रिप पर खुटाघाट डैम जा रहा था, और रास्ते में इस कैंप में रुका। यार, क्या मज़ेदार जगह है! तो चलिए, आपको सुनाता हूँ इस सफर की कहानी, जिसमें ढेर सारी मस्ती, थोड़ा इमोशन और प्रकृति की खूबसूरती का तड़का है।
कैसे पड़ा ये पड़ाव?
बात कुछ दिन पहले की है। हम चारों दोस्त – मैं, नवीन, दया और बलगोविंद – जांजगीर से बाइक पर निकले थे, मंजिल थी खुटाघाट डैम। लेकिन रास्ते में बलोदा के आगे हमें Nature Camp Bilaspur का साइनबोर्ड दिखा। नवीन ने तपाक से कहा, “यार, डैम तो बाद में देख लेंगे, पहले इस कैंप को चेक करते हैं।” बस, फिर क्या? बाइक्स मोड़ीं और हम चल पड़े खोंदरा गाँव की ओर।
जांजगीर से बलोदा होते हुए खोंदरा गाँव तक का रास्ता करीब 55 किलोमीटर का है। रास्ते में खेतों की हरियाली, दूर-दूर तक फैले पहाड़ और वो ठंडी हवाएँ… यार, ऐसा लग रहा था जैसे हम किसी देसी रोड ट्रिप मूवी में बाइक चला रहे हों। सड़कें कहीं कच्ची, कहीं पक्की, लेकिन वो छत्तीसगढ़ी माहौल, गाँवों की सादगी और हवा में मिट्टी की खुशबू ने मू मूड मस्त कर दिया। छत्तीसगढ़ टूरिज्म की वेबसाइट पर आपको ऐसे कई और खूबसूरत रास्तों की जानकारी मिलेगी।
Nature Camp Bilaspur एक झलक
जब हम Nature Camp Bilaspur पहुँचे, तो दोस्तों, ऐसा लगा जैसे शहर की भागमभाग को पीछे छोड़कर हम प्रकृति की गोद में आ गए। ये कैंप बोइरपड़ाव में, खोंदरा गाँव के पास है। चारों तरफ हरियाली, पहाड़ों का नजारा और वो शांति, जो शहरों में ढूँढे नहीं मिलती। वन विभाग ने यहाँ शानदार काम किया है। कैंप को लोहे की तारों से घेरा गया है, ताकि पर्यटक पूरी तरह सुरक्षित रहें।
यहाँ की खासियत है इसके eco-tourism programs. चाहे वो bird watching हो, jungle walk हो, picnic spot हो या रात में stargazing का मज़ा, यहाँ सब कुछ है। कैंप में सर्वसुविधायुक्त टेंट्स भी हैं, जहाँ आप रात गुज़ार सकते हैं। लेकिन हमारा प्लान रात रुकने का नहीं था, क्योंकि हमें खुटाघाट डैम जाना था। फिर भी, हमने यहाँ कुछ घंटे बिताए और वो पल इतने मस्त थे कि मैं आज तक भूल नहीं पाया। अगर आप eco-tourism में रुचि रखते हैं, तो Nature Camps India पर ऐसी जगहों की और जानकारी ले सकते हैं।
Nature Camp Bilaspur में प्रकृति के साथ मस्ती
हम दोपहर के आसपास कैंप पहुँचे। सूरज की किरणें पेड़ों के बीच से छनकर आ रही थीं, और हल्की ठंडी हवा मन को तरोताज़ा कर रही थी। हमने बाइक्स पार्क कीं और कैंप के स्टाफ से थोड़ी बात की। यहाँ के लोग इतने प्यारे हैं, यार, जैसे आप अपने किसी पुराने दोस्त से मिल रहे हों।
हमने गाइड नहीं लिया, क्योंकि हमें अपने दम पर घूमने का मज़ा लेना था। हमने सबसे पहले bird watching की कोशिश की। यार, मैं तो पहले सोचता था कि bird watching कोई बोरिंग चीज़ है, लेकिन जब आप जंगल की शांति में बैठकर उन रंग-बिरंगी चिड़ियों को देखते हैं, तो मजा ही आ जाता है। हमें Indian Roller, Kingfisher और कुछ देसी चिड़ियाँ दिखीं। नवीन ने अपनी मोबाइल गैलरी फुल कर दी फोटो खींच-खींचकर। दया और बलगोविंद ने उसका मज़ाक उड़ाया, “अबे, तू तो इंस्टाग्रामर बन गया!” हम सब हँसते-हँसते लोटपोट हो गए।
जंगल की सैर और पिकनिक स्पॉट
थोड़ी देर बाद हम कैंप के पास के जंगल में घूमने निकल पड़े। हमने कोई गाइड नहीं लिया, बस अपने दम पर जंगल की सैर की। जंगल घना है, और यहाँ ढेर सारे पेड़-पौधे और छोटे-मोटे जानवर हैं। हमें कुछ बंदर दिखे, और एक बार तो दूर से ऐसा लगा जैसे तेंदुआ आ रहा हैं। दया तो डर के मारे चिल्लाया, “यार, ये तो जंगल का शेर है, अब क्या होगा?” हम सब हँस पड़े, लेकिन सच बताऊँ, मेरा भी दिल थोड़ा धक-धक कर रहा था। एक बार तो ऐसे ही मैं नवीन Barnawapara Wildlife Sanctuary के जंगल में भटक गए थे और वहां तेंदुआ देखकर हालत खराब हो गया था।
कैंप में एक picnic spot भी है, जहाँ लोग परिवार या दोस्तों के साथ आकर मस्ती करते हैं। हमने वहाँ अपने बैग से चिप्स, बिस्किट और कोल्ड ड्रिंक निकाली और एक पेड़ के नीचे बैठकर मज़े से खाया। यार, वो पल कितना मस्त था! हरियाली के बीच, दोस्तों के साथ चिप्स खाते हुए, हँसी-मज़ाक चल रहा था। बलगोविंद ने एक पुराना कॉलेज का किस्सा सुनाया, जब वो ट्रिप पर गया था और उसकी चप्पल नदी में बह गई थी। दया ने तुरंत मज़ाक उड़ाया, “अबे, तू हर ट्रिप पर कुछ न कुछ गँवाता है!” हम सब हँस-हँसकर पेट पकड़ लिया।
खुटाघाट डैम की ओर
कैंप में कुछ घंटे मस्ती करने के बाद हम अपनी बाइक्स पर सवार हुए और खुटाघाट डैम की ओर निकल गए। रास्ते में हम चारों दोस्त कैंप की बातें करते रहे। नवीन बोला, “यार, यहाँ तो पूरा दिन बिताना चाहिए था।” मैंने कहा, “हाँ भाई, अगली बार पूरा दिन यहीं मज़े करेंगे।” खुटाघाट डैम भी कमाल का है, लेकिन Nature Camp Bilaspur की वो हरियाली, वो शांति और वो दोस्तों के साथ मस्ती का मज़ा कुछ और ही था। अगर आप डैम के बारे में और जानना चाहते हैं, तो Chhattisgarh Tourism पर ढेर सारी जानकारी मिलेगी।
क्यों जाएँ Nature Camp Bilaspur?
अब आपको बताता हूँ कि Nature Camp Bilaspur में ऐसा क्या खास है कि आपको वहाँ जरूर जाना चाहिए। दोस्तों, अगर आप शहर की भीड़ से तंग आ चुके हैं और प्रकृति के साथ कुछ पल बिताना चाहते हैं, तो ये जगह आपके लिए परफेक्ट है। यहाँ की कुछ खास बातें:
- Eco-tourism: यहाँ के सारे प्रोग्राम पर्यावरण को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं। Bird watching, jungle walk और picnic spot जैसे अनुभव आपको प्रकृति के करीब लाते हैं।
- सुरक्षा: कैंप लोहे की तारों से घिरा है, तो कोई खतरा नहीं।
- शांति: शहर के शोर से दूर, यहाँ की शांति आपके दिमाग को रिफ्रेश कर देगी।
- पिकनिक स्पॉट: दोस्तों या परिवार के साथ पिकनिक मनाने के लिए शानदार जगह।
- टेंट्स: अगर आप रात रुकना चाहें, तो सर्वसुविधायुक्त टेंट्स उपलब्ध हैं।
अगर आप adventure activities के शौकीन हैं, तो यहाँ trekking और camping का भी मज़ा ले सकते हैं। फोटोग्राफी लवर्स के लिए ये जगह किसी जन्नत से कम नहीं। Nature Camps India पर आपको ऐसी और जगहों की जानकारी मिलेगी।
कुछ पर्सनल कहानी
अब थोड़ा इमोशनल हो जाऊँ। इस ट्रिप पर जब मैं अपने दोस्तों के साथ कैंप में था, तो मुझे अपने बचपन की याद आ गई। मेरे पापा मुझे और मेरे भाई को गर्मियों की छुट्टियों में गाँव ले जाया करते थे। वहाँ हम खेतों में दौड़ते, पेड़ों पर चढ़ते और रात को तारे गिनते। Nature Camp Bilaspur में वो पुराने दिन जैसे फिर से जीवंत हो गए।
जंगल में घूमते वक्त मैंने अपने दोस्तों को अपने पापा की एक बात बताई। वो कहते थे, “बेटा, प्रकृति से बड़ा कोई गुरु नहीं। ये हमें जिंदगी का असली मतलब सिखाती है।” दया ने मज़ाक में कहा, “अबे, तू तो अब गुरु बन गया!” लेकिन सच बताऊँ, उस पल में मुझे लगा कि जिंदगी की सारी भागदौड़ के बीच, ऐसी जगहें हमें वो सुकून देती हैं, जो कहीं और नहीं मिलता।
कैसे पहुँचें Nature Camp Bilaspur?
Nature Camp Bilaspur पहुँचना बहुत आसान है। बिलासपुर शहर से ये कैंप करीब 55 किलोमीटर दूर है। जांजगीर से है तो आप अपनी गाड़ी या बाइक से जांजगीर, बलोदा होते हुए खोंदरा गाँव तक जा सकते हैं। रास्ता अच्छा है, और जगह-जगह साइनबोर्ड भी लगे हैं। अगर आपके पास अपनी गाड़ी नहीं है, तो बिलासपुर से लोकल टैक्सी या बस भी ले सकते हैं।
कुछ टिप्स ट्रैवलर्स के लिए
- पैकिंग: हल्के कपड़े, आरामदायक जूते और एक अच्छा कैमरा साथ रखें।
- सुरक्षा: जंगल में घूमते वक्त सावधान रहें, खासकर अगर गाइड न ले रहे हों।
- खाना: यहाँ का लोकल खाना ट्राई करना न भूलें, या अपने साथ चिप्स-बिस्किट ला सकते हैं।
- समय: अगर रात रुकने का प्लान है, तो stargazing का मज़ा जरूर लें।
- पर्यावरण: कैंप में प्लास्टिक का इस्तेमाल कम करें और प्रकृति का ध्यान रखें।
एक खूबसूरत दोस्ताना सफर का अंत
दोस्तों, Nature Camp Bilaspur वो जगह है, जहाँ आप प्रकृति के साथ कुछ घंटे या पूरा दिन मस्ती कर सकते हैं। मेरे लिए ये जगह सिर्फ एक पड़ाव नहीं थी, बल्कि एक ऐसा अनुभव था, जिसने मुझे मेरे दोस्तों और प्रकृति के और करीब ला दिया। नवीन, दया और बलगोविंद के साथ बिताए ये पल मेरे दिल में हमेशा रहेंगे।
मेरे कुछ एक्साइटिंग बाइक यात्रा :
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- Devrani Jethani Mandir : छत्तीसगढ़ के ताला में एक यादगार सफर
तो यार, अगर आप भी eco-tourism, adventure activities या picnic spot की तलाश में हैं, तो एक बार Nature Camp Bilaspur जरूर जाएँ। और हाँ, अगर आप वहाँ जाते हैं, तो मुझे कमेंट में बताना कि आपका अनुभव कैसा रहा। साथ ही खूंटाघाट डैम के खूबसूरती को देखना न भूलना। Khubsurat Bharat पर ऐसी ही और कहानियाँ पढ़ने के लिए बने रहिए।
तब तक, घूमते रहो, मस्ती करते रहो!
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