Aravali Hills : भारत के सबसे पुराने पहाड़ों की अनसुनी दास्तान और ट्रेकिंग का रोमांच!
हाय दोस्तों, नमस्कार! मैं हूं अमित, जो घूमने का शौक रखता है और हर जगह से कुछ न कुछ सीखकर लौटता है। आजकल तो जिंदगी इतनी भागदौड़ भरी हो गई है कि कभी-कभी लगता है, बस कहीं शांत जगह मिल जाए जहां सांस ले सकें। और यहीं पर मेरी नजर पड़ी Aravali Hills पर। भाई, ये Aravali Range तो भारत के सबसे पुराने पहाड़ हैं, वो दोस्त जैसे जो कभी थकते नहीं, हमेशा खड़े रहते हैं। मैंने पहली बार इन्हें देखा था कॉलेज के दिनों में, जब हमारी गैंग राजस्थान घूमने गई थी। याद है, ट्रेन से उतरते ही वो हल्की-सी ठंडी हवा और दूर-दूर तक फैली हरियाली। यार, वो पल आज भी दिल को छू जाता है।
तो सोचा, क्यों न आप सबके साथ अपनी ये Aravali Hills की कहानी शेयर करूं। ये पोस्ट खूबसूरत भारत के लिए लिख रहा हूं, क्योंकि भारत की खूबसूरती तो बस इन्हीं पहाड़ों में छुपी है। यहां मैं बताऊंगा Aravali Hills trekking के बारे में, इनके इतिहास की वो अनसुनी बातें जो स्कूल की किताबों में नहीं मिलतीं, और वो जगहें जहां जाकर लगे कि जिंदगी रुक गई हो। मजाक नहीं, कभी हंसेंगे, कभी सोचने पर मजबूर हो जाएंगे, और शायद आंखें भी नम हो जाएं। चलिए, शुरू करते हैं। अगर आप भी Aravali Range India explore करने का प्लान बना रहे हैं, तो ये पोस्ट आपके लिए ही है। बस, चाय का कप लीजिए और बैठ जाइए।
Aravali Hills का इतिहास: वो पुरानी यादें जो पत्थरों में कैद हैं
दोस्तों, Aravalli Range को देखकर लगता है जैसे ये पहाड़ किसी पुरानी दोस्ती की तरह हैं – टूटे-फूटे, लेकिन मजबूत। ये भारत के सबसे पुराने fold mountains हैं, भाई। कल्पना कीजिए, 2.5 बिलियन साल पहले की बात! तब धरती पर इंसान का नामोनिशान न था, और ये Aravali Hills खड़े हो रहे थे। Wikipedia पर पढ़ा था कि ये Aravalli-Delhi Orogeny नाम की एक टेक्टॉनिक इवेंट से बने, जहां प्लेट्स आपस में टकराईं और ये चेन बन गई। लंबाई करीब 670 किलोमीटर, गुजरात से दिल्ली तक फैली हुई। राजस्थान, हरियाणा, गुजरात – ये सब इनके आंगन में खेलते हैं।

मेरा पर्सनल कनेक्शन? अरे, सुनिए न। तीन साल पहले, मैं अकेला ही माउंट आबू गया था। वहां गुरु शिखर पीक पर चढ़ते हुए, एक बुजुर्ग लोकल गाइड मिला। नाम था रामू काका। वो बोले, “बेटा, ये Aravali Hills ancient mining sites से भरे पड़े हैं। 5वीं शताब्दी बीसीई से लोग यहां तांबा और टिन निकालते थे।” मैं हंस पड़ा, “काका, तब तो मेरे दादाजी भी न थे!” वो मुस्कुराए और बोले, “हां, लेकिन ये पहाड़ देख चुके हैं Indus Valley Civilization को। कल्पना करो, 4000 बीसीई में लोग यहां आते थे।” यार, वो बात सुनकर रोंगटे खड़े हो गए। Ganeshwar Sunari Cultural Complex के बारे में बताया, जहां कॉपर माइन्स के पास सेटलमेंट्स थे। पॉटरी, टूल्स – सब कुछ मिला है।
सीरियस बात करें तो, Aravalli Range history में राजपूत काल की भी भरमार है। महाराणा प्रताप का जन्मस्थान कुम्भलगढ़ के पास ही है, और ये पहाड़ों ने उनकी जंगों में छुपने की जगह दी। Britannica कहता है कि ये 350 मील लंबी चेन है, जो राजस्थान को दो हिस्सों में बांटती है – पूर्वी मैदान और पश्चिमी रेगिस्तान। मजाकिया सा लगेगा, लेकिन सोचो, अगर ये Aravali Hills न होते, तो राजस्थान का वो रंग-बिरंगा कल्चर कहां से आता? हिल फोर्ट्स, जैसे चित्तौड़गढ़, कुम्भलग– यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स – सब इन्हीं की गोद में हैं। अगर आप राजस्थान को करीब से देखना चाहते है तो मेरे राजस्थान यात्रा को जरूर देख लेना।
एक बार तो हमारी ग्रुप में एक दोस्त, राज, इतिहास का दीवाना था। वो बोला, “अमित भाई, ये पहाड़ 1.5 बिलियन साल पुराने हैं, दादाजी भी कहेंगे वाह!” हम सब हंस पड़े, लेकिन अंदर से लगा कि हां, ये timeless हैं। अगर आप Aravalli Range historical sites घूमने जा रहे हैं, तो Tosham Hills जरूर देखना। वहां प्राचीन माइन्स के अवशेष हैं। बस, इतिहास की ये किताब कभी खत्म न हो।
Aravali Range की ज्योग्राफी: वो लहरें जो धरती की सांस हैं
अब आते हैं ज्योग्राफी पर, यार। Aravali Range India का वो हिस्सा है जो दिल्ली के पास से शुरू होकर अहमदाबाद तक जाता है। 25°N 73.5°E के आसपास, ये साउथ-वेस्ट डायरेक्शन में फैली है। इसका हाईएस्ट पॉइंट? गुरु शिखर, 1722 मीटर ऊंचा, माउंट आबू में हैं। भाई, वहां से देखो तो लगे कि दुनिया नीचे लेटी है। नदियां तो जैसे इनकी जान हैं – लूनी, बनास, साबरमती, चंबल। सब यहीं से निकलती हैं। GeeksforGeeks पर लिखा है कि ये 692 किमी लंबी है, गुजरात, राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली को छूती हुई।
मेरा एक्सपीरियंस? एक बार दिल्ली से ड्राइव करके हरियाणा के Aravali Biodiversity Park पहुंचा। रास्ते में Sahibi River का किनारा देखा – वो सूखी नदी जो कभी-कभी उफन पड़ती है। लोकल्स कहते हैं, “ये Aravali Hills water divide हैं, पूर्व को गंगा बेसिन और पश्चिम को रन ऑफ कच्छ।” मजाक नहीं, अगर आप Aravali Range geography map देखें, तो समझ आएगा कि ये कितनी स्ट्रैटेजिक हैं। Malani Igneous Suite यहां का स्पेशल फीचर है – इंडिया का सबसे बड़ा, दुनिया का तीसरा। और यही नहीं ये नेशनल जियोलॉजिकल मॉन्यूमेंट घोषित हैं।
सोचो, ये पहाड़ Archean basement rocks पर बने हैं, Precambrian एरा के। मैंने एक सनसेट पॉइंट पर बैठकर सोचा, कितनी जेनरेशन्स ने इन्हें देखा होगा। पापा ने बताया कि उनके बचपन में ये पहाड़ जंगलों से ढके थे। अब urbanization ने काट डाले। लेकिन फिर भी, Aravali Hills location map पर देखो, तो लगे कि ये अनंत हैं। अगर आप प्लानिंग कर रहे हो Aravali Hills road trip, तो जयपुर से उदयपुर रूट बेस्ट है। बस, स्पीड कम रखना, वरना मिस हो जाएगा वो खूबसूरत व्यू।
Aravali Hills में फ्लोरा और फौना: वो जंगली दोस्त जो दिल जीत लें
यार, Aravali Hills biodiversity तो कमाल की है। फॉरेस्ट्स अलग-अलग – ड्राई डिसिड्यूअस से लेकर थॉर्नी बुशेस तक। फ्लोरा में धोक ट्रीज, नीम, बबूल – सब मिलेंगे। Wildhawk Resort की साइट पर पढ़ा कि यहां 800 से ज्यादा प्लांट स्पीशीज हैं। स्प्रिंग में फूलों की बहार लगती है, जैसे कोई पेंटिंग हो।
फौना? वाह! इंडियन लेपर्ड्स, स्ट्राइप्ड हायेना, गोल्डन जैकल्स। 2017 की Wildlife Institute of India सर्वे में हरियाणा में nilgai, पाम सिवेट्स, वाइल्ड पिग्स मिले। पीकॉक तो जैसे इनका लोगो हैं। एक बार तो मैं Sariska Tiger Reserve के पास घूम रहा था – Aravalli Range wildlife corridor का हिस्सा। अचानक एक लेपर्ड की आवाज सुनाई दी। दिल धक-धक करने लगा, भाई! गाइड बोला, “शांत रहो, ये Northern Aravalli leopard corridor है, 200 किमी लंबा।”
मेरे दोस्त भवानी के साथ एक बार Bhindawas Wildlife Sanctuary गए। वहां रीसस मकाक्स ने हमारा लंच चुरा लिया! हंस-हंसकर पेट दुख गया। लेकिन सीरियसली, ये Aravali Hills flora and fauna protect करने की जरूरत है। Great Green Wall प्रोजेक्ट – 1600 किमी लंबा, 5 किमी चौड़ा – गुजरात से दिल्ली तक। 2025 में फेज-1 लॉन्च हुआ। इमोशनल हो गया जब सोचा कि कितने जानवर खो चुके हैं। दोस्तों, अगर आप Aravali Range biodiversity tour प्लान करें, तो Asola Bhatti Wildlife Sanctuary ट्राय करें। बस, प्लास्टिक न ले जाना।
Aravali Hills के बेस्ट टूरिस्ट प्लेसेस: जहां हर कोना एक कहानी कहता है
चलिए अब घूमने की बात। Aravali Hills tourist places की लिस्ट लंबी है। सबसे पहले, Mount Abu। गुरु शिखर पीक – ट्रेक करके चढ़ो, टॉप पर चाय पियो। Lake Pichola के पास उदयपुर – Aravali Range के बीचोंबीच। Incredible India पर देखा कि यहां boating और sunset views कमाल के हैं।

फिर, Ranthambore National Park। टाइगर्स के लिए फेमस हैं, लेकिन Aravali Hills का वो हिस्सा जहां जंगल घने हैं। हमारी गैंग गई थी – एक दोस्त बोला, “यार, ये तो Jurassic Park लग रहा!” हंसे सब। Pushkar Valley, अजमेर के पास – ब्रह्मा मंदिर और ऊंट मेला। Aravalli Range cultural spots का बेस्ट एग्जांपल हैं।
हरियाणा साइड? Aravalli Biodiversity Park, गुड़गांव। फैमिली के साथ परफेक्ट। Sultanpur National Park – बर्डवॉचिंग के लिए। एक बार Mangar Bani forest में खो गए। लोकल्स ने बचाया, बोले “Aravali Hills में रास्ता ढूंढना सीखो!”
राजस्थान में Ranakpur Jain Temple – चौमुखा मंदिर, संगमरमर का कमाल। Ram Pol गेट से एंटर करो। Kumbhalgarh Fort – महाराणा प्रताप का बर्थप्लेस। Komoot की गाइड में टॉप 6 में है। अगर आप Aravali Hills best places to visit सर्च कर रहे हो, तो Udaipur के Aravali day hike ट्राय करो। इमोशनल? दिल्ली रिज – जहां गांधीजी ने प्रार्थना की। दोस्तों, ये जगहें सिर्फ घूमने की नहीं, महसूस करने की हैं।
Aravali Hills Trekking: वो रास्ते जो जिंदगी सिखाते हैं
ट्रेकिंग तो Aravali Hills का वो दिल है, यार, जहां हर कदम पर लगता है जैसे जिंदगी खुद चल रही हो – कभी ऊंची चढ़ाई पर थकान सिखाती है धैर्य, तो कभी नीचे उतरते वक्त याद दिलाती है कि गिरना तो आसान है लेकिन संभलना कला है। मैंने एक बार दोस्तों के साथ धोक ट्री ट्रेल पर जयपुर के पास चढ़ाई की, सुबह-सुबह निकले थे, रास्ते में वो पुराने बबूल के पेड़ खड़े मिले जैसे कोई पुराना यार मुस्कुरा रहा हो, और बीच में एक जगह रुके तो एक हिरण की जोड़ी दिखी, बस दिल भर आया – सोचा, ये पहाड़ हमें सिखा रहे हैं कि जिंदगी में रुकना भी जरूरी है, बस दौड़ते रहना नहीं।
अगर आप अरावली हिल्स ट्रेकिंग प्लान कर रहे हो, तो गुरु शिखर पीक से शुरू करो, दो-तीन घंटे का वो सफर इतना मजेदार है कि थकान भी मीठी लगे, और टॉप पर चाय पीते हुए वो व्यू – भाई, वो तो जिंदगी का लेसन है कि ऊपर पहुंचने का मजा ही अलग है। बस, पानी की बोतल भूलना मत, और जूते मजबूत रखना, वरना फिसलोगे तो हंसते-हंसते सीखना पड़ेगा!
मेरा एडवेंचर: Mewar Mountaineers के साथ Aravali Mountains trekking routes पर गया। Mewar Mountaineers की पोस्ट से इंस्पायर्ड। रॉक क्लाइंबिंग, कैंपिंग – सब किया। रात को स्टार्स देखे, यार। एक दोस्त स्लिप हो गया, लेकिन हंसे सब। विंटर में जाओ, समर में गर्मी मार डालेगी। Native Planet कहता है, responsible trekking करो – ट्रेल छोड़ना मत।
अरावली हिल्स के पर्यावरण चिंताएं: वो खतरा जो हमारी सांसों को छीन रहा है
दोस्तों, मजाक कम, सीरियस हो जाओ। Aravali Hills environmental concerns गंभीर हैं। माइनिंग बैन है 2004 से, लेकिन इल्लीगल होती है। LotusArise पर लिखा – हैबिटेट लॉस, पॉल्यूशन। 2015-19 में 10 लेपर्ड्स एक्सीडेंट में मरे। Urbanization ने फॉरेस्ट कवर घटा दिया। Great Green Wall अच्छा स्टेप है, लेकिन और चाहिए।
यार, अरावली हिल्स की बात करते-करते जब संकट की ओर आता हूं, तो दिल बैठा सा जाता है – जैसे कोई पुराना दोस्त बीमार पड़ गया हो और हम बस हाथ मलते रहें। लेकिन अब ये पहाड़ जो दिल्ली की हवा को साफ रखते हैं, वो खुद जंग लड़ रहे हैं। भाई, हाल ही में सुप्रीम कोर्ट का एक फैसला आया, जिसमें अरावली हिल्स की डेफिनिशन को हाइट के आधार पर बदला गया – मतलब, 100 मीटर से ऊंचे हिस्सों को ही असली अरावली माना जाएगा। सुनने में तो टेक्निकल लगता है, लेकिन एक्टिविस्ट्स बता रहे हैं कि ये तो खदानें खोलने का बहाना है! राजस्थान में तो राजनीतिक हंगामा मच गया, विपक्ष बोल रहा है कि इससे इकोलॉजिकल बैलेंस बिगड़ जाएगा।
दो साल पहले, मैं गुड़गांव के पास अरावली बायोडायवर्सिटी पार्क घूम रहा था। वहां लोकल गाइड ने बताया, “भाई साहब, पहले ये जंगल इतने घने थे कि लेपर्ड्स छुपते थे, अब माइनिंग और बिल्डिंग्स ने काट डाला।” हंसते हुए बोला, “अगर ये पहाड़ चले गए, तो दिल्ली की सर्दियां और खराब हो जाएंगी – धूल के तूफान रोजाना!” लेकिन अंदर से डर लग गया। कल्पना करो, ये अरावली रेंज तो दिल्ली-एनसीआर का नेचुरल डस्ट बैरियर है, जो रेगिस्तान को रोकती है। अब अगर माइनिंग बढ़ी, तो एयर पॉल्यूशन और बिगड़ेगा, सूखा पड़ेगा, और वाइल्डलाइफ? लेपर्ड्स, हायनास – सब खतरे में। एक रिपोर्ट कहती है कि इससे डेजर्टिफिकेशन तेज हो सकता है, और हमारी आने वाली नस्लें तो बस रेत ही देखेंगी।मजाकिया सा लगेगा, लेकिन सोचो, अगर अरावली न हो, तो राजस्थान का वो रंगीन मेला कहां होगा? बस, कंक्रीट के जंगल!
सेंटर तो कह रहा है कि 90% इलाका अभी भी प्रोटेक्टेड है, माइनिंग पर कोई ढील नहीं दी गई, खासकर दिल्ली वाले हिस्से में बैन ही रहेगा। लेकिन एक्टिविस्ट्स का कहना है कि ये डेफिनिशन इतनी ढीली है कि बड़े-बड़े एरिया खुल जाएंगे। इमोशनल हो जाता हूं जब सोचता हूं – मेरी बेटी को ये पहाड़ दिखाने का सपना था, वो हिरण दौड़ते देखे, लेकिन अगर ये संकट न रुका, तो बस फोटोज ही दिखा सकूंगा। दोस्तों, ये सिर्फ पहाड़ों का मुद्दा नहीं, हमारी सांसों का है। ग्रेट ग्रीन वॉल प्रोजेक्ट तो चल रहा है, लेकिन हमें भी आवाज उठानी पड़ेगी – सोशल मीडिया पर शेयर करो, लोकल प्रोटेस्ट जॉइन करो। यार, अरावली को बचाओ, वरना हमारी खूबसूरत भारत की ये किताब अधूरी रह जाएगी।
अरावली हिल्स कितने जरूरी हैं: वो दीवार जो हमारी जिंदगी बचाए रखती है
यार, अरावली हिल्स की अहमियत तो वैसी ही है जैसे कोई पुराना दोस्त जो मुश्किल वक्त में कंधा दे दे – बिना बोले, बस खड़ा रहे और सब संभाल ले। मैं सोचता रहता हूं कि ये पहाड़ न होते तो हमारी दिल्ली-एनसीआर की हवा कितनी जहरीली हो जाती, भाई! कल्पना करो, ये 650 किलोमीटर लंबी चेन गुजरात से दिल्ली तक फैली हुई, थार रेगिस्तान को रोकती है जैसे कोई नेचुरल वॉल – धूल के तूफानों को दिल्ली तक आने से बचाती है, और मॉनसून की बादलों को पूर्व की तरफ मोड़ देती है ताकि बारिश हो सके।
पर्यावरण की बात करें तो ये बायोडायवर्सिटी का खजाना हैं, लेपर्ड्स से लेकर पीकॉक्स तक, 800 से ज्यादा पेड़-पौधों की प्रजातियां – सब इन्हीं की गोद में पलते हैं। और पानी? यार, ये ग्राउंडवॉटर रिचार्ज का बड़ा सोर्स हैं, लूनी, बनास जैसी नदियां यहीं से निकलती हैं, जो राजस्थान-हरियाणा की खेती को हरा-भरा रखती हैं। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट का वो फैसला आया, जहां ऊंचाई के आधार पर डेफिनिशन बदली गई, और एक्टिविस्ट्स बता रहे हैं कि इससे माइनिंग बढ़ेगी, जो वाटर सिक्योरिटी और क्लाइमेट को खतरे में डाल देगी।
मजाक नहीं, अगर ये पहाड़ कमजोर पड़े, तो सूखा, प्रदूषण, और डेजर्टिफिकेशन – सब बढ़ जाएगा, और हमारी आने वाली पीढ़ियां तो बस रेत ही देखेंगी। इमोशनल हो जाता हूं सोचकर, क्योंकि मेरी बेटी को ये हिरण दौड़ते, फूलों की बहार दिखानी है, न कि कंक्रीट के जंगल। दोस्तों, अरावली हिल्स सिर्फ पहाड़ नहीं, हमारी सांसें हैं – इन्हें बचाओ, वरना खूबसूरत भारत का वो रंग फीका पड़ जाएगा।
खत्म होते हुए Aravali Hills को दिल से अपनाओ
तो यार, Aravali Hills – ये सिर्फ पहाड़ नहीं, हमारी स्टोरी हैं। मैं अमित, खूबसूरत भारत से, आपको कहता हूं – जाओ, घूमो, लेकिन संभालो। अगली बार मिलते हैं किसी नई जगह पर। कमेंट्स में बताओ, आपका फेवरेट स्पॉट कौन सा?
Aravali Hills से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
1. अरावली हिल्स आखिर हैं क्या और ये इतनी खास क्यों मानी जाती हैं?
दोस्त, अरावली हिल्स सिर्फ पहाड़ नहीं हैं, ये धरती की सबसे पुरानी यादों में से एक हैं। करीब 2.5 बिलियन साल पुराने ये पहाड़ भारत के सबसे पुराने फोल्ड माउंटेन हैं। खास इसलिए, क्योंकि ये थार रेगिस्तान को रोकते हैं, दिल्ली-एनसीआर की हवा बचाते हैं और मॉनसून को सही दिशा देते हैं। मतलब साफ है – अरावली न हों तो हमारी सांसें भी मुश्किल में पड़ जाएं।
2. अरावली रेंज भारत के किन-किन राज्यों में फैली हुई है?
Aravali Range गुजरात से शुरू होकर राजस्थान, हरियाणा होते हुए दिल्ली तक जाती है। करीब 650–700 किलोमीटर लंबी ये रेंज राजस्थान को दो हिस्सों में बांटती है – एक तरफ हरे-भरे मैदान, दूसरी तरफ रेगिस्तान। भाई, सोचो कितनी स्ट्रैटेजिक जगह पर खड़ी है ये दीवार!
3. Aravali Hills का सबसे ऊंचा स्थान कौन सा है?
सबसे ऊंचा पॉइंट है गुरु शिखर (1722 मीटर), जो माउंट आबू में स्थित है। वहां पहुंचकर ऐसा लगता है जैसे दुनिया नीचे रुक गई हो और आप जिंदगी को ऊपर से देख रहे हो। ट्रेकिंग के शौकीनों के लिए ये जगह जन्नत है।
4. क्या अरावली हिल्स ट्रेकिंग के लिए सही जगह है?
बिलकुल है यार!
अगर आप पहली बार ट्रेकिंग कर रहे हो या हल्का एडवेंचर चाहते हो, तो अरावली हिल्स परफेक्ट हैं।
लोकप्रिय ट्रेक्स:
- गुरु शिखर ट्रेक
- जयपुर के पास धोक ट्री ट्रेल
- उदयपुर अरावली डे हाइक
- मंगर बानी और असोला-भट्टी ट्रेल्स
बस ध्यान रखना – सर्दियों में जाओ, पानी साथ रखो और प्रकृति से छेड़छाड़ मत करना।
5. Aravali Hills में कौन-कौन से जानवर पाए जाते हैं?
भाई, अरावली सिर्फ पत्थरों का ढेर नहीं है। यहां:
- इंडियन लेपर्ड
- स्ट्राइप्ड हायना
- गोल्डन जैकल
- नीलगाय
- वाइल्ड पिग
- मोर (तो जैसे हर जगह ही हैं)
हरियाणा और राजस्थान में ये लेपर्ड कॉरिडोर का काम करती हैं। मतलब, वाइल्डलाइफ के लिए लाइफलाइन हैं।
6. Aravali Hills से जुड़ी ऐतिहासिक जगहें कौन-सी हैं?
इतिहास प्रेमियों के लिए अरावली किसी खजाने से कम नहीं:
- कुम्भलगढ़ किला
- चित्तौड़गढ़
- रणकपुर जैन मंदिर
- माउंट आबू
- तोशाम हिल्स (प्राचीन खदानें)
यहीं राजपूतों ने इतिहास रचा और इन्हीं पहाड़ों ने उन्हें शरण दी।
7. Aravali Hills पर्यावरण के लिए इतनी जरूरी क्यों हैं?
सीधी बात कहूं तो – अरावली हमारी ढाल है।
ये:
- धूल भरे तूफानों को दिल्ली आने से रोकती है
- ग्राउंडवॉटर रिचार्ज करती है
- मॉनसून को बैलेंस करती है
- रेगिस्तान को फैलने से रोकती है
अगर अरावली कमजोर हुई, तो प्रदूषण, सूखा और गर्मी – सब बढ़ेगा।
8. क्या अरावली हिल्स खतरे में हैं?
हां भाई, और ये बात मजाक की नहीं है।
अवैध माइनिंग, अर्बनाइजेशन और जंगलों की कटाई ने अरावली को कमजोर किया है। 2004 से माइनिंग बैन है, फिर भी कई जगह चोरी-छिपे खनन होता है। हालिया सरकारी नीतियों को लेकर भी विवाद चल रहा है, जिससे पर्यावरण प्रेमी चिंतित हैं।
9. Great Green Wall प्रोजेक्ट क्या है?
Great Green Wall एक बड़ा प्रोजेक्ट है, जिसके तहत:
- गुजरात से दिल्ली तक
- करीब 1600 किलोमीटर लंबी
- और 5 किलोमीटर चौड़ी
हरित पट्टी बनाई जा रही है।
इसका मकसद है अरावली को फिर से हरा-भरा बनाना और डेजर्टिफिकेशन रोकना।
10. आम लोग Aravali Hills को बचाने के लिए क्या कर सकते हैं?
बहुत कुछ कर सकते हैं दोस्त:
- प्लास्टिक का इस्तेमाल कम करें
- ट्रेकिंग में कचरा न फैलाएं
- सोशल मीडिया पर जागरूकता फैलाएं
- लोकल पर्यावरण अभियानों से जुड़ें
- गलत माइनिंग के खिलाफ आवाज उठाएं
छोटे कदम भी मिलकर बड़ा बदलाव लाते हैं।
11. Aravali Hills घूमने का सबसे अच्छा समय कौन सा है?
अक्टूबर से फरवरी बेस्ट टाइम है।
सर्दियों में मौसम ठंडा रहता है, ट्रेकिंग आसान होती है और वाइल्डलाइफ भी ज्यादा दिखती है। गर्मियों में जाना है तो सुबह-सुबह या शाम का टाइम चुनो।
12. क्या Aravali Hills फैमिली ट्रिप के लिए सही हैं?
हां बिल्कुल।
गुरुग्राम का अरावली बायोडायवर्सिटी पार्क, माउंट आबू, उदयपुर – ये सब फैमिली के लिए बढ़िया ऑप्शन हैं। बच्चों को नेचर से जोड़ने का इससे अच्छा मौका नहीं मिलेगा।





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