Devrani Jethani Mandir : छत्तीसगढ़ के ताला में एक यादगार सफर

Devrani Jethani Mandir : एक अनोखा सफर, छत्तीसगढ़ के दिल में

हाय दोस्तों, मैं आपका यार अमित, खूबसूरत भारत के इस खूबसूरत सफर में, आज आपको ले चलता हूँ एक ऐसी जगह पर जो सिर्फ इतिहास और संस्कृति का खजाना ही नहीं, बल्कि मेरे लिए एक यादगार सफर का हिस्सा भी बन गई। बात हो रही है छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में ताला गाँव के Devrani Jethani Mandir की। ये मंदिर सिर्फ पत्थरों और मूर्तियों का ढांचा नहीं, बल्कि एक ऐसी कहानी है जो समय के साथ जीवित रहती है। मेरे इस सफर में मेरे साथ थे मेरे तीन दोस्त – भवानी, संजय और संतोष। हम जांजगीर से निकले थे, two-wheeler पर, और यकीन मानिए, ये राइड जितनी मस्ती भरी थी, उतनी ही इमोशनल और यादगार भी। तो चलिए, बाइक स्टार्ट करते हैं और इस लंबी-चौड़ी कहानी में गोता लगाते हैं, जिसमें इतिहास, मस्ती, गरमा-गरम भजिया और थोड़ा सा दिल का मेल सब कुछ है!

जांजगीर से ताला: धूल भरा, मगर मस्ती भरा सफर

हम चारों दोस्त जांजगीर के रहने वाले हैं, और हर बार की तरह इस बार भी कुछ नया करने का प्लान बनाया। भवानी ने कहा, “यार, कहीं ऐसा चलते हैं जहाँ कुछ नया देखने को मिले, थोड़ा इतिहास हो, और मस्ती भी हो जाए।” संजय, जो हमेशा गूगल बाबा का दीवाना रहता है, तुरंत फोन निकालकर बोला, “ताला में Devrani Jethani Temple है, पुराना मंदिर है, चलें?” संतोष, हमारा खाने का शौकीन, तुरंत बोला, “बस रास्ते में गरमा-गरम bhajiya मिल जाए, मैं तो तैयार हूँ!” और बस, हम चारों अपनी बाइक्स पर सवार होकर निकल पड़े।

जांजगीर से ताला तक का रास्ता करीब 70-80 किलोमीटर का है। रास्ते में हरे-भरे खेत, छोटे-छोटे गाँव, और छत्तीसगढ़ की वो खास हरियाली थी, जो मन को ताजा कर देती है। जून का महीना था, मौसम हल्का बारिश वाला, और हवा में मिट्टी की खुशबू। हमारी बाइक्स पर गाने चल रहे थे, और संतोष बीच-बीच में अपनी बेसुरी आवाज में गाना गाकर माहौल को और मजेदार बना रहा था। रास्ते में एक छोटा सा होटल दिखा, जो सड़क किनारे था। संतोष ने बाइक रोकते हुए कहा, “भाई, बिना bhajiya के सफर अधूरा है!” हमने वहाँ रुककर गरमा-गरम प्याज के भजिये मंगवाए, चाय के साथ मजे लिए, और ढेर सारी photos खींची। यार, वो भजिया और चाय का स्वाद आज भी जीभ पर ताजा है।

Devrani Jethani Mandir: इतिहास की एक पहेली

ताला पहुँचने में हमें ढाई घंटे लगे। जैसे ही हम Devrani Jethani Mandir के पास पहुँचे, लगा जैसे समय की मशीन में बैठकर किसी और युग में आ गए। ये मंदिर बिलासपुर से 27 किलोमीटर दूर तालागाँव में है, और इसे Archaeological Survey of India ने संरक्षित किया है। मंदिर के पास मनियारी और शिवनाथ नदी का संगम दिखा, जिसका पानी इतना शांत और साफ था कि मन कर रहा था बस बैठकर उसे देखते रहें। हमने बाइक्स पार्क कीं और मंदिर की ओर बढ़े।

Devrani Jethani Mandir photos

सबसे पहले इस मंदिर के नाम की बात। Devrani Jethani Mandir – नाम सुनकर ही हल्की सी हँसी आती है, है ना? गाँव वालों ने इन दो मंदिरों का नाम उनके आकार के आधार पर रखा। बड़ा वाला मंदिर Jethani (बड़ी बहू) और छोटा वाला Devrani (छोटी बहू)। ये नाम इतना प्यारा है कि लगता है जैसे कोई घर की कहानी सुनाई जा रही हो। कहते हैं कि ये मंदिर 5वीं-6ठी सदी में शरभपुरीय वंश की रानियों ने बनवाए थे। कुछ लोग कहते हैं कि ये दो भाइयों की पत्नियों के लिए बनाए गए। सच क्या है, ये तो इतिहास की किताबों में छुपा है, लेकिन ये कहानी दिल को छू लेती है।

Devrani Temple भगवान शिव को समर्पित है, और इसका मुंह पूर्व दिशा की ओर है। मंदिर लाल बलुआ पत्थर से बना है, और उसकी नक्काशी देखकर आप दंग रह जाएंगे। फूल, पत्ते, और ज्यामितीय डिजाइन इतने बारीक हैं कि लगता है पत्थरों में जान डाल दी गई हो। वहीं Jethani Temple थोड़ा ज्यादा खंडहर में है। इसमें सिर्फ नींव और कुछ पत्थर बचे हैं, लेकिन दो पत्थर के हाथी जो रथ खींचते दिखते हैं, वो देखकर मन में जिज्ञासा जागती है। ये मंदिर कभी कितना शानदार रहा होगा, इसका अंदाजा इन खंडहरों से ही लग जाता है।

Kalpurush Statue: मूर्ति या जादू?

अब बात उस चीज की, जिसने हमें सबसे ज्यादा चौंकाया – Kalpurush Statue। ये मूर्ति Devrani Temple के सामने खुदाई में मिली थी, और इसे देखकर हम चारों के मुँह खुले रह गए। सात फीट ऊँची ये मूर्ति भगवान शिव के रुद्र रूप को दर्शाती है। इसका खास हिस्सा? इसके शरीर पर अलग-अलग जानवरों के चेहरे और अंग बने हैं। सिर पर आठ चेहरे, और शरीर पर सांप, शेर, और न जाने क्या-क्या। संजय ने मजाक में कहा, “यार, ये तो हमारा मल्टीवर्स वाला शिव जी है!” हम सब ठहाके मारकर हँस पड़े, लेकिन सचमुच, इस मूर्ति को देखकर लगता है कि प्राचीन कारीगरों की कल्पना की कोई हद नहीं थी।

Devrani jethani mandir history

Chhattisgarh Tourism के मुताबिक, ये मूर्ति न सिर्फ छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे देश में अनोखी है। इसमें राशियों के चिह्न भी उकेरे गए हैं, जो इसे और रहस्यमयी बनाते हैं। हमने इस मूर्ति के सामने खूब photos खींची, और भवानी ने सेल्फी लेते हुए कहा, “इसे इंस्टा पर डालेंगे, तो लोग पूछेंगे ये कहाँ की जगह है!”

नदी किनारे की वो शांत दोपहर

मंदिर देखने के बाद हम मनियारी नदी के किनारे बैठ गए। वहाँ का माहौल इतना शांत था कि कुछ देर के लिए हम सब खामोश हो गए। संतोष ने पत्थर उठाकर पानी में फेंकना शुरू किया, और बोला, “यार, बचपन में भी ऐसा ही करते थे ना?” हम सब हँसने लगे, और फिर पुरानी यादों में खो गए। मैंने अपनी जिंदगी के कुछ पुराने पल याद किए, जब मैं और मेरे दोस्त गर्मियों की छुट्टियों में नदी किनारे मस्ती करते थे।

नदी के पास ही एक छोटा सा garden है, जो गाँव वालों ने बनाया है। हम वहाँ घूमे, और ढेर सारी photos खींची। वहाँ की हरियाली देखकर मन खुश हो गया। संजय ने कहा, “भाई, ये जगह तो छुपा हुआ खजाना है। लोग गोवा-मनाली भागते हैं, लेकिन अपने छत्तीसगढ़ में भी इतनी खूबसूरत जगहें हैं।” और सचमुच, वो पल ऐसा था कि हम सब अपने यहां की खूबसूरती पर गर्व कर रहे थे।

मंदिर का इतिहास और कुछ गहरी बातें

अब थोड़ा सीरियस हो जाते हैं। Devrani Jethani Mandir को 1873-74 में जे. डी. वेल्गर ने खोजा, जो मशहूर पुरातत्व वविद् अलेक्जेंडर कनिंघम के सहायक थे। ये मंदिर शरभपुरीय वंश के समय के हैं, और ये उस दौर की शैव परंपराओं को दर्शाते हैं। कुछ लोग कहते हैं कि ताला तांत्रिक साधनाओं का भी केंद्र रहा है। सुनकर थोड़ा डर सा लगा, लेकिन फिर भवानी ने मजाक में कहा, “अरे, तंत्र-मंत्र हो या न हो, ये जगह तो जादुई है।” हम सब हँस पड़े।

मंदिर के खंडहरों को देखकर मन में एक अजीब सा दुख भी हुआ। ये मंदिर कभी भव्य रहे होंगे, लेकिन समय की मार ने इन्हें खंडहर बना दिया। Archaeological Survey of India ने इनके ऊपर लोहे की छत डालकर इन्हें बचाने की कोशिश की है, लेकिन फिर भी इनकी पुरानी शान कहीं खो सी गई है। संतोष ने कहा, “यार, ये पत्थर भी तो इंसानों की तरह हैं। वक्त सबको बदल देता है।” उसकी ये बात सुनकर हम सब एक पल के लिए चुप हो गए।

मंदिर परिसर और आसपास की जगहें

Devrani Jethani Mandir के परिसर और आसपास कुछ ऐसी जगहें हैं जो आपको और आकर्षित करती हैं।। मंदिर परिसर में ही एक छोटा सा Shiv Mandir है, जो स्थाीनीय लोगों ने बनाया है।। ये मंदिर भले ही नया हो, लेकिन यहाँ की शांति और भक्ति का माहौल का जवाब नहीं। हमने वहाँ कुछ देर बैठकर पूजा की, और संतोष ने मजाक में कहा, “चलो, भगवान से बोलते हैं कि अगली बार भजिया फ्री में मिले!” हम सब हँस पड़े।

Devrani jethani mandir images

परिसर में ही Radha Krishna Mandir भी है। ये मंदिर रंग-बिरंगा और छोटा सा है, लेकिन इसकी सजावट देखकर मन में एक अलग ही सुकून मिलता है। यहाँ राधा-कृष्ण की मूर्तियाँ इतनी सुंदर हैं कि लगता है जैसे वो सचमुच मुस्कुरा रही हों। भवानी ने कहा, “यार, ये तो वैसा है जैसे कोई प्रेम कहानी पत्थर में ढल गई हो।” हमने वहाँ भी कुछ photos खींची, और वहाँ के पुजारी जी ने हमें मंदिर की कहानी सुनाई।। उनके मुताबिक, ये मंदिर गाँव वालों की श्रद्धा का प्रतीक है, और हर साल यहाँ छोटा सा मेला भी लगता है।

क्यों जाएं Devrani Jethani Mandir?

अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर इस मंदिर में ऐसा क्या खास है कि मैं इतना उत्साहित हूँ। तो दोस्तों, ये जगह सिर्फ एक मंदिर नहीं, बल्कि एक अनुभव है।। यहाँ का ancient Indian architecture, archaeological sites, और Chhattisgarh tourism का मेल इसे खास बनाता है। यहाँ की मूर्तियाँ, नदी का किनारा, और वो शांति – सब कुछ देर के लिए आपको दुनिया की भागदौड़ से दूर ले जाता है।

यहाँ आने के लिए आप बिलासपुर से टैक्सी या बाइक ले सकते हैं। बिलासपुर रेलवे स्टेशन और रायपुर एयरपोर्ट सबसे नजदीक हैं। और हाँ, रास्ते में bhajiya खाना न भूलें, क्योंकि वो इस सफर का एक जरूरी हिस्सा है।

Devrani jethani mandir से वापसी

वापसी में हम मल्हार भी जाने का सोच रहे थे। लेकिन रात हो जाने कारण नहीं जा पाए। लेकिन आप फिकर न कीजिए, मेरे बारे में तो आप जानते ही है, अगली बार आपको वहां की ऐतिहासिक कहानियों से जरूर रूबरू करूंगा। क्योंकि यहां का मंदिर भी बहुत पुराना है और स्थाानीय लोगों के लिए खास महत्व रखता है। ये एक ऐतिहास जगह है। संजय ने मजाक में कहा, “चलो, भगवान से बोलते हैं कि अगली बार मल्हार का टिकट देदे।” हम सब हँस पड़े, लेकिन दिल से उस पल की शांति को महसूस किया।

इस सफर ने मुझे सिर्फ इतिहास ही नहीं सिखाया, बल्कि मेरे दोस्तों के साथ बिताए पलों को और कीमती बना दिया।। हम चारों की जिंदगी में बहुत कुछ बदल रहा है। संतोष की शादी होने वाली है। भवानी नौकरी के लिए शहर छोड़ने वाला है। और संजय का तो हर दिन नया प्लान होता है। लेकिन उस दिन, नदी किनारे बैठकर, भजिया खाते हुए, और मंदिर की मूर्तियों को देखते हुए, हमें लगा कि कुछ पल ऐसे होते हैं जो हमेशा दिल में रहते हैं।

Devrani Jethani Mandir ने हमें न सिर्फ इतिहास से जोड़ा, बल्कि हमारी दोस्ती को और गहरा कर दिया। मैं जब भी उन photos को देखता हूँ, जो हमने वहाँ खींची थीं, मुझे वो हँसी, वो मस्ती, और वो शांति याद आती है।

खूबसूरत भारत में इस मस्ती भरा सफर का अंत

दोस्तों, खूबसूरत भारत में मैं हमेशा ऐसी जगहों की कहानियाँ लाता हूँ जो न सिर्फ खूबसूरत हैं, बल्कि दिल को छूती हैं। Devrani Jethani Mandir ऐसी ही एक जगह है। यहाँ का इतिहास, यहाँ की शांति, और यहाँ की कहानियाँ आपको बाँध लेती हैं। अगर आप छत्तीसगढ़ घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो इस जगह को अपनी लिस्ट में जरूर डालें। और हाँ, अपने दोस्तों को साथ ले जाना, क्योंकि ऐसी जगहें दोस्तों के साथ और मजेदार हो जाती हैं। आप हमारे मैनपाट यात्रा को भी देख सकते हैं। यहां भी हमने खूब मजे किए थे। मेरे दोस्तों के साथ छत्तीसगढ़ के और भी बाइक ट्रिप को देख सकते है: 

तो कैसा लगा आपको मेरा ये कहानी? कमेंट में बताइए, और अगर आप यहाँ गए हैं, तो अपनी कहानी भी शेयर कीजिए। तब तक के लिए, मैं आपका दोस्त, खूबसूरत भारत की खूबसूरत जगहों की सैर कराता रहूँगा।। Chhattisgarh tourism को एक्सप्लोर कीजिए, और अपने सफर की कहानियाँ बनाइए! और मेरे साथ शेयर कीजिए।

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