India Gate Travel Story : दिल्ली की शान, दिल की धड़कन
हाय दोस्तों, मैं हूँ आपका दोस्त अमित, जांजगीर से! आज मैं आपको ले चलता हूँ एक ऐसी जगह, जो सिर्फ़ दिल्ली का गहना नहीं, बल्कि पूरे भारत का गर्व है – India Gate! ये वो जगह है, जहाँ इतिहास की सैर होती है, देशभक्ति की धड़कन सुनाई देती है, और दिल्ली की रौनक का असली मज़ा मिलता है। पिछले साल अगस्त में मैं अपने दोस्त भवानी के साथ ट्रेन से दिल्ली टूर पर गया था। भाई, क्या मज़ा था! इंडिया गेट तो जैसे दिल्ली का दिल है, और वहाँ की हर बात में कुछ खास है। तो चलिए, मेरे साथ इस खूबसूरत सफ़र पर, और मैं आपको बताता हूँ कि इंडिया गेट ने मेरे और भवानी को कैसे एक इतिहास में डुबो दिया था।
India Gate का पहला नज़ारा
दिल्ली में कदम रखते ही मैं और भवानी दोनों उत्साह से भरे हुए थे। हमने सोचा, पहले India Gate ही देखा जाए, क्योंकि भाई, दिल्ली आए और इंडिया गेट न देखा, तो क्या देखा? ट्रेन से उतरकर, रूम गए, ऑटो पकड़ा और सीधे राजपथ की ओर चल पड़े। जैसे ही इंडिया गेट सामने आया, यार, वो नज़ारा! 42 मीटर ऊँचा, विशाल, गर्व से खड़ा वो स्मारक। रात में वो सुनहरी रोशनी में नहाया हुआ था, जैसे कोई राजा अपने तख्त पर बैठा हो।
इंडिया गेट को देखते ही मन में एक अजीब सी देशभक्ति जागी। ये स्मारक सिर्फ़ पत्थरों का ढांचा नहीं है, दोस्तों। ये उन 70,000 से ज़्यादा भारतीय सैनिकों की याद में बनाया गया है, जो प्रथम विश्व युद्ध और अफ़ग़ान युद्ध में शहीद हुए। इसके नीचे Amar Jawan Jyoti जलती है, जो हर सैनिक की शहादत को सलाम करती है। भवानी तो मुझसे कहने लगा, “यार, ये जगह तो गर्व से सीना चौड़ा कर देती है!”
अगर आप इंडिया गेट जा रहे हैं, तो शाम का समय चुनें। रात में ये जगह और भी खूबसूरत लगती है, जब लाइट्स इसे और निखार देती हैं। और हाँ, पास में ही National War Memorial भी है, उसे भी ज़रूर देखें। National War Memorial की जानकारी यहाँ से भी ले सकते हैं।
India Gate का इतिहास
चलो, थोड़ा इतिहास की बात कर लेते हैं, लेकिन बोरिंग नहीं, मैं इसे अपने अंदाज़ में बताऊँगा। इंडिया गेट को 1921 में बनाना शुरू किया गया था, और 1931 में ये पूरी तरह तैयार हुआ। इसे डिज़ाइन किया था मशहूर आर्किटेक्ट Edwin Lutyens ने, जिन्होंने दिल्ली के कई बड़े स्मारकों को डिज़ाइन किया। ये स्मारक प्रथम विश्व युद्ध में शहीद हुए सैनिकों की याद में बनाया गया, और इसके दीवारों पर 13,000 से ज़्यादा सैनिकों के नाम लिखे हैं।

मैं और भवानी वहाँ खड़े होकर उन नामों को पढ़ रहे थे। भवानी ने कहा, “यार, इन सैनिकों ने देश के लिए अपनी जान दी, और हम यहाँ आज़ादी से घूम रहे हैं।” उसकी बात सुनकर मैं थोड़ा इमोशनल हो गया। सच में, इंडिया गेट सिर्फ़ एक टूरिस्ट स्पॉट नहीं है, ये एक ऐसी जगह है जो आपको याद दिलाती है कि आज़ादी कितनी कीमती है। अगर आप इंडिया गेट के इतिहास को और गहराई से जानना चाहते हैं, तो Ministry of Defence की वेबसाइट पर ज़रूर जाएँ।
India Gate के आसपास
इंडिया गेट सिर्फ़ एक स्मारक नहीं है, दोस्तों। इसके आसपास का माहौल ही इसे और खास बनाता है। वहाँ आपको हर तरह के लोग मिलेंगे – टूरिस्ट, लोकल दिल्लीवाले, बच्चे, बूढ़े, और हाँ, वो चाट-पकौड़े वालों की रेहड़ी! भवानी तो चाट का इतना बड़ा फैन है कि उसने मुझे खींचकर एक ठेले पर ले गया। हमने वहाँ गोलगप्पे खाए, और यार, क्या स्वाद था! दिल्ली की चाट का जवाब नहीं।
वहाँ पास में ही Rajpath है, जो अब Kartavya Path कहलाता है। ये रास्ता इतना खूबसूरत है कि आपको लगेगा, आप किसी विदेशी शहर में हैं। दोनों तरफ़ हरे-भरे लॉन, बीच में फव्वारे, और दूर तक दिखता Rashtrapati Bhavan। हमने वहाँ टहलते हुए ढेर सारी तस्वीरें खींची। भवानी तो पोज़ देने में मुझसे भी आगे निकल गया!
अगर आप दिल्ली में tourist places in Delhi खोज रहे हैं, तो इंडिया गेट के बाद आप कार्तव्य पथ, राष्ट्रपति भवन, और पास ही के Connaught Place को भी अपनी लिस्ट में डालें। Connaught Place की गाइड यहाँ देखें।
India Gate की यादें
अब थोड़ा पर्सनल बात कर लेते हैं। मैं और भवानी जांजगीर से दिल्ली ट्रेन से गए थे। भाई, वो ट्रेन का सफ़र भी एक अलग मज़ा था। हमने रास्ते में ढेर सारी मस्ती की, चाय पी, और दिल्ली के बारे में प्लान बनाए। इंडिया गेट हमारा पहला पड़ाव था, लेकिन हमने दिल्ली में और भी जगहें घूमीं, जैसे Red Fort, Qutub Minar, और Lotus Temple।
इंडिया गेट पर हमने रात को टहलते हुए एक आइसक्रीम वाले से आइसक्रीम ली। भवानी ने तो दो-दो आइसक्रीम खा डाली! वहाँ का माहौल इतना ज़िंदादिल था कि हम दोनों देर तक वहीं बैठे रहे। पास में ही बच्चों का पार्क है, जहाँ बच्चे खेल रहे थे, और कुछ लोग पिकनिक मना रहे थे। मुझे याद है, एक छोटा बच्चा अपनी गुब्बारा गाड़ी लेकर मेरे पास आया और बोला, “अंकल, ये गाड़ी कैसी है?” मैंने हँसते हुए कहा, “बेटा, ये तो मेरी गाड़ी से भी अच्छी है!”
India Gate क्यों है खास?
दोस्तों, इंडिया गेट सिर्फ़ एक स्मारक नहीं है। ये एक फीलिंग है। यहाँ आकर आपको देश के लिए गर्व होता है, और साथ ही दिल्ली की ज़िंदगी का मज़ा भी मिलता है। यहाँ हर साल Republic Day Parade होती है, जो पूरे देश का गौरव है। इसके अलावा, इंडिया गेट के पास का खुला मैदान, हरे-भरे लॉन, और आसपास का माहौल इसे एक परफेक्ट हैंगआउट स्पॉट बनाता है।
मैं और भवानी वहाँ बैठकर दिल्ली की ज़िंदगी को देख रहे थे। कोई फोटो खींच रहा था, कोई चाट खा रहा था, तो कोई अपने परिवार के साथ मस्ती कर रहा था। ये जगह हर किसी को अपनेपन का अहसास देती है। चाहे आप दिल्लीवाले हों या बाहर से आए हों, इंडिया गेट आपको गले लगाने के लिए तैयार रहता है। अगर आप things to do in Delhi सर्च कर रहे हैं, तो इंडिया गेट के पास पिकनिक, फोटोग्राफी, और स्ट्रीट फूड का मज़ा लेना न भूलें।
India Gate के आसपास क्या-क्या करें?
अब अगर आप इंडिया गेट जा रहे हैं, तो मेरे और भवानी के अनुभव से कुछ टिप्स ले लीजिए।
- चाट का मज़ा लें: इंडिया गेट के आसपास ढेर सारे ठेले हैं, जहाँ आप गोलगप्पे, भेलपुरी, और पावभाजी का लुत्फ़ उठा सकते हैं। भवानी का फेवरेट था गोलगप्पा, और मेरा था चाट!
- कार्तव्य पथ पर टहलें: ये रास्ता इतना खूबसूरत है कि आप यहाँ घंटों टहल सकते हैं। यहाँ से राष्ट्रपति भवन और संसद भवन का नज़ारा भी देख सकते हैं।
- नेशनल वॉर मेमोरियल जाएँ: इंडिया गेट से बस थोड़ी दूरी पर ये मेमोरियल है, जो हाल ही में बना है। यहाँ आपको हमारे सैनिकों की बहादुरी की कहानियाँ और उनकी याद में बनाए गए स्मारक देखने को मिलेंगे।
- बोटिंग का मज़ा: पास में ही एक छोटा सा तालाब है, जहाँ आप बोटिंग कर सकते हैं। हमने तो ये मिस कर दिया, लेकिन आप ज़रूर ट्राई करें।
- शाम की रौनक: रात में इंडिया गेट की लाइटिंग देखने लायक है। यहाँ का माहौल इतना ज़िंदादिल है कि आप थकान भूल जाएँगे।
अगर आप दिल्ली की और जगहों के बारे में जानना चाहते हैं, तो Delhi Tourism की ऑफिशियल वेबसाइट चेक करें।
एक इमोशनल पल: अमर जवान ज्योति
चलो, अब थोड़ा सीरियस बात कर लेते हैं। इंडिया गेट के नीचे जलती है Amar Jawan Jyoti, जो हमारे शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि देती है। मैं और भवानी वहाँ खड़े होकर चुपचाप उस ज्योति को देख रहे थे। मुझे मेरे दोस्त की बात याद आ गई, जो आर्मी में थे। वो हमेशा कहते थे, “देश के लिए कुछ करना, सबसे बड़ा गर्व है।” उस पल मुझे लगा, जैसे मैं अपने दोस्त के सपनों को जी रहा हूँ।
भवानी ने मुझसे कहा, “यार, ये ज्योति तो जैसे हमें याद दिलाती है कि आज़ादी कितनी मेहनत से मिली है।” हम दोनों ने वहाँ कुछ पल शांति से बिताए, और मन में एक अजीब सा सुकून था। ऐसे ही यादों के बारे में मेरा हाल की पोस्ट Independence Day: दिल्ली में आज़ादी का जश्न में मैंने दिल्ली में आज़ादी के उत्सव की बात की है, ज़रूर पढ़ें।
India Gate का मज़ेदार किस्सा
अब थोड़ा मज़ा लेते हैं! जब हम इंडिया गेट पर थे, भवानी ने एक गुब्बारा वाला गाड़ी खरीद ली। यार, वो 30 साल का बंदा, और बच्चों की तरह गुब्बारा गाड़ी लेकर दौड़ रहा था! वहाँ एक टूरिस्ट ग्रुप था, जो हमें देखकर हँस रहा था। मैंने भवानी से कहा, “भाई, तू तो स्टार बन गया!” उसने हँसते हुए कहा, “यार, ज़िंदगी में थोड़ा मज़ा तो बनता है!”
वहाँ का माहौल ही ऐसा है। आप चाहे कितने भी गंभीर क्यों न हों, India Gate की हवा आपको बच्चा बना देती है।
India Gate कैसे पहुँचें?
अगर आप दिल्ली में हैं और India Gate जाना चाहते हैं, तो ये बहुत आसान है। इंडिया गेट सेंट्रल दिल्ली में है, और आप यहाँ मेट्रो, बस, ऑटो, या कैब से पहुँच सकते हैं। सबसे नज़दीकी मेट्रो स्टेशन है Central Secretariat, जो येलो और वायलेट लाइन पर है। वहाँ से ऑटो लेकर 5-10 मिनट में इंडिया गेट पहुँच जाएँगे।
हम तो ट्रेन से दिल्ली आए थे, और हज़रत निज़ामुद्दीन स्टेशन से ऑटो लिया था। रास्ते में दिल्ली की ट्रैफिक ने हमें थोड़ा तंग किया, लेकिन इंडिया गेट पहुँचते ही सारी थकान गायब! अगर आप how to reach India Gate सर्च कर रहे हैं, तो मेट्रो सबसे सस्ता और आसान ऑप्शन है। Delhi Metro की वेबसाइट पर और जानकारी लें।
India Gate के पास खाने-पीने की जगहें
दिल्ली में खाना तो जैसे जन्नत है, दोस्तों! India Gate के पास आपको स्ट्रीट फूड से लेकर रेस्तरां तक सब मिलेगा। हमने वहाँ चाट और आइसक्रीम तो खाई ही, लेकिन पास में Connaught Place में भी कुछ शानदार रेस्तरां हैं। हमने वहाँ एक जगह पर बटर चिकन और नान खाया, और यार, वो स्वाद आज भी ज़ुबान पर है। अगर आपको स्ट्रीट फूड पसंद है, तो इंडिया गेट के पास के ठेले ट्राई करें। और अगर रेस्तरां में जाना चाहते हैं, तो Zomato पर Connaught Place के रेस्तरां चेक करें।
इंडिया गेट और दिल्ली की दूसरी जगहें
हमने अपने दिल्ली टूर में इंडिया गेट के अलावा और भी जगहें घूमीं। Red Fort की भव्यता, Qutub Minar का इतिहास, और Lotus Temple की शांति, सब कुछ खास था। लेकिन India Gate का माहौल कुछ अलग ही है। ये वो जगह है, जहाँ आप अकेले हों, दोस्तों के साथ हों, या परिवार के साथ, हर बार एक नया अनुभव मिलता है।
क्यों जाएँ इंडिया गेट?
तो दोस्तों, अगर आप दिल्ली जा रहे हैं, तो India Gate को अपनी लिस्ट में सबसे ऊपर रखें। ये जगह आपको इतिहास, देशभक्ति, और दिल्ली की ज़िंदगी का एक अनोखा मिश्रण देगी। मेरे लिए इंडिया गेट सिर्फ़ एक टूरिस्ट स्पॉट नहीं था। ये वो जगह थी, जहाँ मैंने और भवानी ने अपने दोस्ती के पल बिताए, देश के लिए गर्व किया, और दिल्ली की रौनक को जिया। तो आप कब जा रहे हैं इंडिया गेट? अपनी ट्रिप की प्लानिंग करें, और हाँ, मेरे जैसे चाट और आइसक्रीम का मज़ा लेना न भूलें!
खूबसूरत भारत की तरफ से
दोस्तों, ये था मेरा और भवानी की इंडिया गेट की कहानी। मैं अपने ब्लॉग खूबसूरत भारत पर ऐसी ही कहानियाँ लाता रहता हूँ, जो भारत की खूबसूरती, इतिहास, और मज़ेदार किस्सों को आपके सामने लाएँ। अगर आपको ये पोस्ट पसंद आई, तो इसे शेयर करें, और अपनी इंडिया गेट की कहानी कमेंट में ज़रूर बताएँ।
तो दोस्तों, मिलते हैं अगली बार, एक और खूबसूरत जगह की कहानी के साथ। तब तक, घूमते रहो, हँसते रहो, और भारत की खूबसूरती को जीते रहो!
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