Omkareshwar Temple Jyotirlinga : जहां OM खुद धरती पर बना था

Omkareshwar Temple : Omkareshwar jyotirlinga Darshan 

नमस्ते दोस्तों! मैं हूं अमित, आपका वो दोस्त जो घूमने का शौकीन है और हर जगह से कुछ न कुछ नया सीखकर लौटता हूं। आज खूबसूरत भारत के इस पेज पर मैं आपको ले चलता हूं अपनी Omkareshwar Temple की उस यादगार ट्रिप पर, जो पिछले साल अगस्त में हुई थी। सोचिए, बारिश का मौसम, नर्मदा नदी का किनारा, और हम चार यार – मैं, भवानी, रामू और संतोष – अपनी पुरानी बुलेट पर सवार होकर निकले थे Amarkantak से।

भाई, वो तो जैसे सपना था! Mandla से Bhedaghat होते हुए Jabalpur पहुंचे, वहां डायनासोर पार्क में थोड़ा मस्ती की, फिर Nemawar की तरफ मुड़े। रास्ते में बारिश ऐसी हो रही थी कि लग रहा था नर्मदा खुद हमें बुला रही है। और अंत में पहुंचे Omkareshwar Temple। यार, वो जगह… बस, शब्दों में बयां नहीं कर सकता। अगर आप भी सोच रहे हैं visit Omkareshwar Temple, तो ये पोस्ट आपके लिए ही है। चलिए, शुरू से बताता हूं, जैसे हम सब मिलकर चाय पीते हुए गपशप कर रहे हों।

हमारी Omkareshwar Temple कैसे प्लान हुई, यार?

सबसे पहले तो बताऊं, हमारी ये Omkareshwar Temple कैसे प्लान हुई। भवानी भाई का आइडिया था। वो कहता है, “अमित, जिंदगी छोटी है, कुछ एडवेंचरस कर लो। नर्मदा परिक्रमा तो हर हिंदू को एक बार करनी चाहिए।” मैंने कहा, “अरे यार, परिक्रमा तो 3500 किलोमीटर की है, हम तो बाइक पर ही मुश्किल से 500 किलोमीटर कवर करेंगे!” हंसते-हंसते रामू ने बीच में टोका, “चलो भाई, कम से कम ओमकारेश्वर तक तो पहुंच जाएं। वो ज्योतिर्लिंग है ना, शिवजी का घर।” संतोष, जो हमारा ग्रुप का फूडी है, बोला, “हां, और वहां के प्रसाद का स्वाद लेना है।” बस, यूं ही प्लान बन गया।

अगस्त 2024 का वो महीना था, जब मॉनसून पीक पर था। हम मंडला से स्टार्ट किए, जहां नर्मदा का पानी इतना साफ था कि लग रहा था किसी पुरानी फिल्म का सीन। भेड़ाघाट पहुंचे तो वो संगम का नजारा… यार, नर्मदा और बिना का मिलन, संगमरमर की चट्टानें – बस, दिल भर आया। वहां हमने बोटिंग की, रामू तो डर के मारे चिल्ला उठा जब बोट थोड़ी हिचकी। “भाई, ये नर्मदा मां है, डर क्या!” मैंने हंसते हुए कहा।

Jabalpur to Nemawar होते हुए रास्ता और मजेदार हो गया। Nemawar में वो छोटा सा मंदिर, जहां विष्णुजी की कथा जुड़ी है नर्मदा से। हम रुके, थोड़ा पूजा की, और फिर ओमकारेश्वर की तरफ। रास्ते में बारिश रुक-रुक कर हो रही थी, बाइक की स्पीड कम रखनी पड़ रही थी। संतोष बोला, “यार, अगर पंक्चर हो गया तो?” भवानी ने कहा, “तो पैदल चलेंगे, नर्मदा परिक्रमा का प्रैक्टिस हो जाएगा!” सब हंस पड़े। लेकिन सच्ची बात, वो सफर ने हमें करीब ला दिया। रातें तो हम सड़क किनारे के ढाबों पर गुजारते, चाय-समोसे खाते, और नर्मदा की कहानियां सुनाते। ओमकारेश्वर पहुंचने में हमें तीन दिन लगे, लेकिन वो थकान… वो तो जैसे मीठी थी।

Omkareshwar Temple का वो पहला नजारा, भाई!

अब आते हैं असली हीरो पर – Omkareshwar Temple। यार, जैसे ही हम ब्रिज पर चढ़े, नर्मदा का वो आइलैंड दिखा, जो ‘ओम’ के आकार का है। Mandhata Island, कहते हैं इसे। और जानने के लिए यहां विकिपीडिया पर देख सकते हैं। मंदिर नर्मदा के बीच में बसा है, और पहुंचने के लिए या तो पैदल पुल से या नाव से जाना पड़ता है। हमने नाव ली, क्योंकि बारिश थी और पुल पर भीड़। नाव वाला चाचा ने बताया, “बेटा, ये द्वीप शिवजी का निवास है। यहां का जल अमृत तुल्य है।” मैंने सोचा, वाह, कितनी प्यारी बात। नाव पर बैठे-बैठे हम चारों ने गाने गाए – “ओम जय शिव ओमकारा”। रामू तो भक्ति में डूब गया, संतोष ने कहा, “ये तो बॉलीवुड सीन जैसा है!”

Omkareshwar Temple

मंदिर के अंदर घुसते ही वो महौल… भाई, ठंडक, घंटियों की आवाज, और हवा में अगरबत्ती की खुशबू। Omkareshwar Temple एक ज्योतिर्लिंग है, 12 ज्योतिर्लिंगों में से चौथा। शिव पुराण में आता है कि यहां शिवजी ने अपनी ज्योति प्रकट की थी। कथा है कि विंध्याचल पर्वत ने तपस्या की, और शिवजी ने यहां निवास किया। मंदिर 11वीं शताब्दी का है, नागर शैली में बना। अंदर स्वयंभू लिंगम है, जो प्राकृतिक रूप से बना।

हमने दर्शन किए, लाइन में खड़े होकर। भवानी ने कहा, “अमित, देख, कितने लोग हैं। ये तो सच्ची आस्था है।” मैंने हां कहा, लेकिन मन ही मन सोचा – आजकल की भागदौड़ वाली जिंदगी में ये शांति कहां मिलती है? दर्शन के बाद हमने गंगा स्नान किया, नर्मदा के घाट पर। पानी ठंडा था, लेकिन वो स्पर्श… जैसे सारी थकान उतर गई।

ओमकारेश्वर का स्पिरिचुअल साइड

यार, अब थोड़ा serious हो जाऊं। Omkareshwar Temple का महत्व तो बस दर्शन तक सीमित नहीं। ये जगह spiritual healing का सेंटर है। कई लोग यहां आकर अपनी problems भूल जाते हैं। हमारी ट्रिप में भी ऐसा ही हुआ। रामू को जॉब की टेंशन थी, वो बोला, “भाई, यहां आकर लग रहा है सब ठीक हो जाएगा।” और सच में, लौटकर उसे प्रमोशन मिल गया! शायद शिवजी की कृपा। लेकिन मज़ाक की बात ये कि संतोष ने प्रसाद खाते हुए कहा, “ये लड्डू इतने स्वादिष्ट हैं कि लग रहा है वजन बढ़ जाएगा, फिर जिम जाना पड़ेगा!” सब हंस पड़े। लेकिन emotionally, वो पल जब हम चारों घाट पर बैठे, नदी को देखते हुए – आंसू आ गए आंखों में। नर्मदा मां की तरह लगी, जो सबको समेट लेती है।

अगर आप plan कर रहे हैं best time to visit Omkareshwar Temple, तो winters ही बेस्ट है – अक्टूबर से मार्च। गर्मी में तो पारा 40 पार कर जाता है, और मॉनसून में रास्ते फिसलन भरे। हम अगस्त में गए, तो बारिश का मज़ा तो मिला, लेकिन कीचड़ ने खूब परेशान किया। best time to visit Omkareshwar के बारे में frenzyholidays और पढ़ सकते हैं। यहां पहुंचने के लिए, इंदौर से 140 किलोमीटर है, ट्रेन से खंडवा स्टेशन, फिर बस या जीप। हम बाइक से गए, तो freedom था, लेकिन fuel stops ज्यादा।

ओमकारेश्वर परिक्रमा

चलिए, अब बताता हूं Omkareshwar Parikrama के बारे में। यार, ये तो वो journey है जो जिंदगी बदल देती है। पूरी Narmada Parikrama 3500 किलोमीटर की है, पैदल करने में 200-250 दिन लगते हैं। लेकिन हमने आइलैंड की छोटी परिक्रमा की – 7 किलोमीटर का चक्कर। शुरूआत कोटि तीर्थ घाट से, मंदिर के नीचे। वहां से घूमते हुए सिद्धनाथ मंदिर, गौरी सोमनाथ, और वापस। रास्ता पहाड़ी है, सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। हम थके, लेकिन वो view… नर्मदा का घुमाव, हरी-भरी वादियां।

भवानी गिरते-गिरते बचा, मैंने हंसकर कहा, “देखा, शिवजी ने बचाया!” परिक्रमा के दौरान कई छोटे मंदिर मिलते हैं, जहां पूजा कर सकते हो। Narmada Parikrama guide के लिए MP Tourism पर देखो। ये journey self-discovery की है, जहां आप अपने अंदर झांकते हो। हमने रुक-रुक कर की, फोटोज लिए, सेल्फी स्टिक घुमाई। संतोष ने कहा, “यार, ये तो adventure movie जैसा है।”

आसपास की जगहें – ममलेश्वर और 84 घाट का मज़ा

ओमकारेश्वर के आसपास की जगहें भी कमाल की हैं। ममलेश्वर मंदिर, जो विपरीत किनारे पर है। नर्मदा के उस पार, नाव से जाना पड़ता। वहां भी ज्योतिर्लिंग है, कहते हैं दोनों मिलकर एक पूर्ण बनाते हैं। हम गए, पूजा की। फिर, 84 घाट – हर एक की अपनी कथा। कोटि तीर्थ पर सूर्योदय देखा, यार, वो तो magical था। सूरज नदी में उतरता हुआ, जैसे शिवजी का स्वागत हो रहा हो। emotional moment था वो। रामू ने कहा, “अमित, thanks यार इस ट्रिप के लिए।” मैंने गले लगाया, बोला, “दोस्ती यही तो है।”

Omkareshwar Temple Visit Guide

अब थोड़ा practical बातें। अगर आप Omkareshwar Temple visit guide ढूंढ रहे हो, तो सुनो। रहने के लिए धर्मशालाएं हैं, बजट फ्रेंडली। हम MPTDC के गेस्ट हाउस में रुके, साफ-सुथरा। खाने में महाराष्ट्रीयन थाली ट्राई करो, पाव भाजी का स्वाद अलग। लेकिन पानी साफ पीयो, नर्मदा का तो होममेड बोतल में।

शॉपिंग? रुद्राक्ष की मालाएं, शिवजी की मूर्तियां। हमने भवानी के लिए एक लाया, वो अब रोज पहनता है।

टिप: सुबह जल्दी जाओ, लाइन कम। और हां, मोबाइल साइलेंट रखो, भक्ति में डूब जाओ।

याद है वो शाम जब हम घाट पर बैठे, चाय पीते। संतोष ने कहा, “भाई, जिंदगी में ऐसे पल ज्यादा चाहिए।” मैंने हां कहा, लेकिन मन में सोचा – हां, लेकिन daily grind भूल जाता हूं। ओमकारेश्वर ने सिखाया, balance रखो। spiritual और fun दोनों। मज़ाकिया बात – रामू ने परिक्रमा के दौरान एक बंदर से प्रसाद छीन लिया! हम हंस-हंस के लोटपोट। “देखा, यहां भी competition है!” बोला मैं। लेकिन seriously, ये जगह peace देती है। अगर आप stressed हो, तो आओ। Narmada Parikrama experience शेयर करने के लिए ये ब्लॉग पढ़ो

Omkareshwar Temple History and Facts 

चलिए, थोड़ा हिस्ट्री डिटेल में जानते हैं। Omkareshwar Temple की नींव 11वीं सदी में राजा मान सिंह ने डाली, लेकिन शिवलिंग तो स्वयंभू है। कथा है कि दानव वृकासुर को मारने के बाद शिवजी यहां बने। विंध्याचल ने तपस्या की, boon मिला। facts about Omkareshwar Temple पढ़कर हैरान हो जाओगे। मंदिर में चार द्वार हैं – गौरी, अर्धनारी, नागचंद्रेश्वर। हर एक की अपनी कहानी। हमने सब घूमा, गाइड से सुना। गाइड चाचा ने कहा, “बेटा, यहां आकर पाप धुल जाते हैं।” मैंने सोचा, हां, हमारी छोटी-मोटी गलतियां तो धुल ही गईं!

यार, ओमकारेश्वर मंदिर की हिस्ट्री सुनकर तो जैसे टाइम मशीन में सवार हो जाते हो, भाई! सोचो, ये मंदिर नर्मदा नदी के बीच एक ‘ओम’ आकार वाले द्वीप पर बसा है, जो खुद शिवजी का प्रतीक है। पुराणों में तो इसका जिक्र 5500 साल पुराना मिलता है, जब विंध्याचल पर्वत ने तपस्या की और भगवान शिव यहां ज्योतिर्लिंग रूप में प्रकट हुए। महाभारत और रामायण की कथाओं से जुड़ी ये जगह, जहां दानव वृकासुर की कहानी है – वो तो शिवजी से युद्ध करने चला, लेकिन आशीर्वाद मिला और अमर हो गया। 10वीं से 13वीं सदी में परमार राजाओं के समय भिल सरदारों ने यहां राज किया, और राजा जयसिंहदेव जैसे किंग्स ने कई मंदिर बनवाए, जिनमें से कुछ आज भी खड़े हैं।

हम जब घूम रहे थे, तो गाइड चाचा ने बताया कि आदि शंकराचार्य ने भी 8वीं सदी में इसका जीर्णोद्धार कराया, ताकि भक्ति की लौ हमेशा जलती रहे। मैंने सोचा, वाह, ये तो वो जगह है जहां इतिहास और मिथक आपस में गूंथे हैं – जैसे हमारी दोस्ती, कभी हंसी-मजाक, कभी गहरी बातें। रामू ने मजाक में कहा, “अमित, अगर मैं राजा होता तो यहां पिकनिक स्पॉट बनाता!” लेकिन seriously, facts about Omkareshwar Temple history पढ़कर लगता है, ये ज्योतिर्लिंग 12 में से एक है जो सदियों से लोगों को पुकार रहा है। facts about Omkareshwar Temple चेक करके देखो, हैरान रह जाओगे। भावुक हो गया हूं, यार, क्योंकि ये कहानियां बताती हैं कि आस्था वक्त की दीवारें तोड़ देती है।

हमारी ट्रिप की रियल स्टोरीज

ट्रिप के दौरान एक नेमावर से ओमकारेश्वर जाते हुए बाइक स्किड हो गई। हम सब गिरे, लेकिन चोट नहीं लगी। भवानी बोला, “शिवजी की लीला!” संतोष ने कहा, “अगली बार कार लो यार।” लेकिन वो हादसा ने हमें सिखाया, सावधानी बरतो। नदी किनारे जब हम बैठे थे, तो बचपन की यादें ताजा हुईं। पापा के साथ घूमने की। आंसू आए, लेकिन खुशी के। दोस्ती ने सपोर्ट किया। यार, life में ऐसे दोस्त चाहिए।

अगर आप family के साथ जा रहे हो, तो kids के लिए boating fun है। elderly के लिए wheelchair available है। eco-friendly रहो यार और plastic मत ले जाओ। अभी Omkareshwar tourism boost हो रहा है, MP government efforts से। Omkareshwar tourism guide पर भी चेक करो।

Omkareshwar jyotirlinga facts 

यार, ओमकारेश्वर ज्योतिर्लिंग की रोचक बातें सुनकर तो जैसे कोई पुरानी किताब के पन्ने पलट रहे हो, भाई! सबसे पहले तो ये बताऊं कि ये 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है, जो नर्मदा नदी के बीच मंधाता द्वीप पर बसा है – और वो द्वीप ‘ओम’ के आकार का है, जो शिवजी का सबसे पवित्र प्रतीक माना जाता है। कथा है कि विंध्य पर्वत ने कड़ी तपस्या की, ताकि वो मेरु पर्वत से ऊंचा हो जाए, और प्रसन्न होकर शिवजी यहां ज्योतिर्लिंग रूप में प्रकट हुए। इक्ष्वाकु वंश के राजा मंधाता के दो बेटों ने भी यहीं तप किया, जिससे ये द्वीप मंधाता कहलाया।

मंदिर पेशवा शैली में बना है, पांच मंजिला, जहां हर फ्लोर पर अलग देवता – ऊपर महाकालेश्वर, नीचे सिद्धनाथ और गुप्तेश्वर। अंदर पंचमुखी गणेश और अन्नपूर्णा देवी के भी मंदिर हैं। परिक्रमा तो 7 किलोमीटर की है, जो घूमते हुए जैसे शिवजी का आशीर्वाद मिल जाता है। हम जब गए थे, तो सोचा था बस दर्शन, लेकिन ये फैक्ट्स जानकर लगता है, यहां तो इतिहास, मिथक और आस्था सब गूंथे हैं – दिल को छू लेने वाले!

Omkareshwar Temple best time to visit 

यार, Omkareshwar Temple best time to visit के बारे में सोचते ही मन में वो सर्दियों की ठंडक आ जाती है, जब नर्मदा का किनारा और भी जादुई लगता है! सबसे बेस्ट टाइम तो अक्टूबर से मार्च तक का है, जब तापमान 15 से 30 डिग्री सेल्सियस रहता है – न ठंडा ज्यादा, न गर्मी का नामोनिशान, बस परफेक्ट वेदर temple darshan और परिक्रमा के लिए। हम अगस्त में गए थे तो बारिश ने तो मज़ा दूधा, लेकिन रास्ते कीचड़ भरे और भीड़ कम होने से थोड़ा एडवेंचरस लगा, पर winters में तो festivals जैसे शिवरात्रि और दिवाली के आसपास पूरा माहौल भक्ति से सराबोर हो जाता है।

भवानी भाई कहता था, “अमित, सर्दियों में तो नदी का पानी भी जैसे गुनगुना लगता है!” serious बात ये कि गर्मियों में अप्रैल से जून तक तो पारा 40 पार कर जाता है, सूरज की तपिश में घूमना मुश्किल, और मॉनसून जुलाई-सितंबर में सुंदर तो है पर फ्लडिंग का रिस्क रहता है। तो दोस्त, अगर plan कर रहे हो visit Omkareshwar Temple, तो winters पकड़ लो – वो शांति और ठंडी हवा दिल को छू लेगी, promise!

Omkareshwar कैसे पहुँचे 

यार, Omkareshwar Temple कैसे पहुंचें, ये सोचते ही वो बाइक की राइड याद आ जाती है जब हम मंडला से निकले और तीन दिन की मस्ती भरी यात्रा के बाद यहां लैंड हुए, भाई! सबसे आसान तरीका तो इंदौर एयरपोर्ट से है, जहां से बस 140 किलोमीटर दूर है – टैक्सी या बस पकड़ लो, Indore to Omkareshwar by bus or taxi देखो, 3-4 घंटे में हो जाओ, और रास्ते में नर्मदा के नजारे देखते रहो।

ट्रेन से आना हो तो खंडवा जंक्शन सबसे क्लोज़ है, official guide के मुताबिक  वहां से लोकल बस या ऑटो से 77 किलोमीटर, लगभग 2 घंटे का सफर, और स्टेशन पर ही MP tourism की शटल मिल जाती हैं। हम तो बुलेट पर आए थे, जबलपुर से नेमावर होते हुए, fuel stops लिए, बारिश में भीगते हुए – freedom का मज़ा तो कुछ और था, लेकिन सावधानी बरतो, रोड्स कर्वी हैं। अगर कार या बस से हो तो भोपाल या इंदौर से NH-47 पकड़ो, साइनबोर्ड फॉलो करो, और रास्ते में ढाबों पर रुककर चाय पीयो।

मेरे हिसाब से भाई winters में जाओ तो ट्रैफिक कम, और advance बुकिंग कर लो accommodations की। seriously, पहुंचना आसान है, लेकिन वो सफर ही आस्था जगाता है – जैसे शिवजी खुद गाइड कर रहे हों!

local food in Omkareshwar

यार, ओमकारेश्वर में local food in Omkareshwar का स्वाद तो जैसे नर्मदा मां का आशीर्वाद लगता है, भाई – शुद्ध शाकाहारी और घर जैसा! हम जब गए थे, तो घाट के पास वाले ढाबे पर पहली रात dal bafla खाया, वो गर्मागर्म bafla नर्मदा के पानी से बने, dal की gravy इतनी स्वादिष्ट कि संतोष भाई दो प्लेट मांगा, बोला “ये तो जिंदगी का सार है!” फिर सुबह poha का नाश्ता, मूंगफली और नींबू के साथ, ताजा ताजा – रामू ने कहा, “अमित, ये MP का breakfast king है!” लेकिन मज़ेदार तो butte ki kees था, भुट्टे का बेसन वाला स्नैक, मक्खन डालकर, जो मंदिर के पास की दुकानों पर मिलता है, chakki ki shaak और butte ki sabzi के साथ।

भवानी ने गुजराती थाली ट्राई की, undhiyu और dhokla का कम्बो, बोला “ये तो fusion है आस्था और स्वाद का!” serious बात, यहां सब veg है, prasadam जैसे laddu और peda भी must try, लेकिन साफ-सुथरे स्पॉट चुनो। local food in Omkareshwar के बारे में और पढ़ें – यार, खाने के बाद लगता है शिवजी ने खुद invite किया था!

Omkareshwar Travel Guide Tips 

यार, Omkareshwar travel guide tips के बारे में बताता हूं, वो जो हमारी बाइक ट्रिप से सीखे – भाई, ये जगह spiritual vibes से भरी है, तो plan स्मार्ट रखो –

  • best time winters चुनो, अक्टूबर-मार्च में वेदर परफेक्ट, न ज्यादा गर्मी न बारिश का डर, हम तो अगस्त में गए तो कीचड़ ने खूब मज़ा लिया लेकिन थकान दोगुनी।
  • यहां पहुंचने के लिए इंदौर से बस या ट्रेन via खंडवा, 3-4 घंटे का सफर, बाइक वालों के लिए NH-47 पर सावधानी से कर्व्स लो।
  • stay के लिए MPTDC गेस्ट हाउस बुक कर लो, बजट 1000-2000 रु. में साफ-सुथरा, और सुबह जल्दी दर्शन के लिए 5 AM उठो, लाइन कम।
  • परिक्रमा 7 किमी की करो लेकिन walking shoes पहनो, पानी की बोतल और light clothes साथ रखो, बीच में छोटे मंदिरों पर रुको।
  • local food में dal bafla और poha ट्राई करो लेकिन veg ही रखो, prasadam laddu मत भूलो।
  • eco-friendly बनो, plastic मत ले जाओ, नदी साफ रखो।
  • family के साथ हो तो boating का मज़ा लो लेकिन kids को संभालो, और emotional high के लिए घाट पर sunset देखो।

भाई seriously, ये tips follow करो तो trip memorable बनेगी, जैसे हमारी!

Omkareshwar Temple FAQs 

Q1. ओमकारेश्वर मंदिर कहां स्थित है?
ओमकारेश्वर मंदिर मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में नर्मदा नदी के मंधाता द्वीप पर स्थित है, जो ‘ओम’ के आकार का है।

Q2. Omkareshwar Temple का धार्मिक महत्व क्या है?
यह 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है, जहां भगवान शिव ने विंध्य पर्वत की तपस्या से प्रसन्न होकर ज्योतिर्लिंग रूप में प्रकट हुए थे।

Q3. Omkareshwar Temple पहुंचने का सबसे आसान तरीका क्या है?
इंदौर से बस या टैक्सी द्वारा केवल 140 किमी की दूरी है। नजदीकी रेलवे स्टेशन खंडवा है, जो मंदिर से 77 किमी दूर है।

Q4. Omkareshwar जाने का सबसे अच्छा समय कौन सा है?
अक्टूबर से मार्च का मौसम सबसे अच्छा है — ठंडी हवा, साफ आसमान और आरामदायक दर्शन के लिए परफेक्ट।

Q5. Omkareshwar Temple के पास कौन-कौन सी जगहें घूमने लायक हैं?
ममलेश्वर मंदिर, सिद्धनाथ मंदिर, 84 घाट और कोटि तीर्थ घाट जैसे स्थल ओमकारेश्वर के पास देखने लायक हैं।

क्यों जाओ ओमकारेश्वर?

यार, क्यों जाएं Omkareshwar Temple, ये सवाल तो हम सबने खुद से पूछा था जब भवानी भाई ने ट्रिप का आइडिया दिया, लेकिन पहुंचते ही जवाब मिल गया – क्योंकि ये जगह सिर्फ मंदिर नहीं, जिंदगी का वो आईना है जो थकी हुई रूह को नई उड़ान दे देती है, भाई! सोचो, नर्मदा मां के किनारे खड़े होकर जब शिवजी का ज्योतिर्लिंग दर्शन होता है, तो सारी worldly tensions जैसे बह जाती हैं नदी के साथ – spiritual healing का असली डोज़, जहां परिक्रमा करते हुए self-discovery होती है और दोस्तों संग वो emotional moments आते हैं जो सालों याद रहते हैं। हम चारों गए तो रामू की जॉब की चिंता, संतोष का वजन वाला टेंशन, सब भूल गए; बस शांति मिली, हंसी मिली, और वो feeling कि life में balance रखना कितना जरूरी।

अगर stressed हो, adventure ढूंढ रहे हो या बस आस्था जगाना चाहते हो, तो visit Omkareshwar Temple जाओ – promise, लौटोगे बदले हुए, जैसे शिवजी ने खुद पुकारा हो! दोस्तों, go for it! Omkareshwar calling you। plan your Narmada Yatra और भाई ये पोस्ट मेरी diary जैसी है, share करो अगर पसंद आए हो तो। comments में अपनी stories बताओ। भवानी, रामू, संतोष – thanks guys! 

जय शिव शंकर! जय मां नर्मदा!

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