Humayun Tomb | हमायूं का मकबरा
नमस्ते दोस्तों, आप सब कैसे हैं? मैं आपका दोस्त अमित फिर हाजिर हूँ एक नई कहानी और एक नई सैर के साथ, और इस बार बात होगी दिल्ली के उस ऐतिहासिक खजाने की, जिसे देखकर इतिहास की किताबें जैसे जिंदा हो उठती हैं Humayun Tomb Delhi. ये वो जगह है, यार, जहाँ हर पत्थर कुछ कहता है, हर दीवार इतिहास की सैर करवाती है। मैं पिछले साल अगस्त में अपने दोस्त भवानी के साथ जांजगीर से ट्रेन पकड़कर दिल्ली टूर पर गया था।
हमने India Gate, Red Fort, और Qutub Minar जैसे दिल्ली के कई मशहूर ठिकानों को घूमा, जिनके बारे में मैं पहले ही खूबसूरत भारत पर धांसू पोस्ट्स लिख चुका हूँ। लेकिन आज बात होगी Humayun Tomb Delhi की, जो न सिर्फ दिल्ली का गहना है, बल्कि यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट भी है। तो चलिए, मेरे साथ इस सैर पर, और मैं आपको बताता हूँ कि ये जगह इतनी खास क्यों है।
दिल्ली की वो ट्रेन यात्रा और Humayun Tomb Story
पिछले साल अगस्त की बात है, मैं और भवानी, मेरा बचपन का यार, जांजगीर से दिल्ली के लिए ट्रेन में चढ़े। भवानी को तो बस खाने और सोने से मतलब था, लेकिन मैं उत्साह में था कि दिल्ली के हर कोने को छान मारूँगा। ट्रेन में हमारी सीट ऊपर वाली थी, और भवानी ने आधा रास्ता खर्राटे मारते हुए काटा। मैं खिड़की से बाहर देख रहा था, सोच रहा था कि Humayun Tomb facts को देखने का मौका मिलेगा, जो मैं बचपन से इतिहास की किताबों में पढ़ता आया था। दिल्ली पहुँचकर हमने पहले India Gate की सैर की, फिर Red Fort की कहानी देखी, और आखिर में तीसरे दिन हम पहुँचे Humayun Tomb। यार, जैसे ही मैंने उसका लाल पत्थरों वाला गेट देखा, मन में बस एक ही ख्याल आया – “वाह, ये तो किसी बादशाह का महल है!”
Humayun Tomb | हमायूं का मकबरा एक नजर में
हुमायूं का मकबरा दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में मथुरा रोड पर बसा है। इसे मुगल बादशाह हुमायूं की याद में उनकी बेगम हमीदा बानो ने 1565-1572 के बीच बनवाया था। ये मकबरा न सिर्फ मुगल वास्तुकला का पहला बड़ा नमूना है, बल्कि ताजमहल की प्रेरणा भी यहीं से मिली। दोस्तों, ये जगह इतनी खूबसूरत है कि आप यहाँ घंटों बिता सकते हैं, और हर कोना आपको एक नई कहानी सुनाएगा। इसे 1993 में यूनेस्को ने वर्ल्ड हेरिटेज साइट घोषित किया, और तब से ये Delhi tourist places में सबसे ज्यादा देखे जाने वाले स्थानों में से एक है। अगर आप दिल्ली की और जगहों के बारे में जानना चाहते हैं, तो दिल्ली टूरिज्म की ऑफिशियल साइट पर ढेर सारी जानकारी मिलेगी।

Humayun Tomb कैसे पहुँचें?
हुमायूं के मकबरा तक पहुँचना बहुत आसान है। अगर आप मेट्रो से आ रहे हैं, तो JLN Stadium Metro Station (वायलेट लाइन) सबसे नजदीक है। वहाँ से ऑटो या कैब लेकर 5-7 मिनट में पहुँच जाएँगे। बस से आना हो, तो दिल्ली के किसी भी कोने से निजामुद्दीन तक बस मिल जाएगी। हम तो ऑटो से गए थे, और भवानी ने ऑटो वाले भैया से इतनी बार रास्ता पूछा कि वो बेचारा परेशान हो गया। हाहा, भवानी का ये हाल है, यार, हर बार कुछ न कुछ मजेदार कर देता है। अगर आप दिल्ली की मेट्रो से घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो दिल्ली मेट्रो की साइट पर रूट और टाइमिंग चेक कर लें।
मकबरे की वो शाही खूबसूरती | Humayun Tomb Architecture
जैसे ही आप हुमायूं के मकबरे के मुख्य द्वार से अंदर दाखिल होंगे, आपको लगेगा जैसे आप किसी पुराने मुगल काल में चले गए हों। लाल बलुआ पत्थर और सफेद संगमरमर का मिश्रण, चारबाग गार्डन का वो शानदार नजारा, और बीच में खड़ा वो भव्य मकबरा – बस दिल खुश हो जाता है। ये मकबरा चारबाग शैली में बना है, यानी चार हिस्सों में बँटा बगीचा, जो फारसी वास्तुकला से प्रेरित है। मैं और भवानी यहाँ की सीढ़ियाँ चढ़कर ऊपर गए, और वहाँ से जो नजारा दिखा, वो तो बस वाह! अगर आप इस मकबरे के रीस्टोरेशन की कहानी जानना चाहते हैं, तो आगा खान ट्रस्ट की साइट पर ढेर सारी डिटेल्स हैं।
वास्तुकला का कमाल
दोस्तों Humayun Tomb Architecture की बात करें तो ये मुगल काल की पहली ऐसी इमारत है, जिसमें फारसी और भारतीय शैली का मेल देखने को मिलता है। इसका गुम्बद, जो 42.5 मीटर ऊँचा है, दूर से ही नजर आता है। दोस्तों, इस गुम्बद को देखकर आपको ताजमहल की याद आएगी, क्योंकि ताजमहल का डिज़ाइन भी इससे प्रेरित है। मकबरे के चारों ओर बने मेहराब, जालियाँ, और खूबसूरत नक्काशी हर कोने में इतिहास की कहानी बयान करती है। भवानी तो बस फोटो खींचने में व्यस्त था, और मैं हर दीवार को छूकर ये सोच रहा था कि कैसे लोग उस जमाने में इतनी बारीक कारीगरी करते थे। अगर आप मुगल वास्तुकला के दीवाने हैं, तो National Geographic पर इसके बारे में कुछ शानदार आर्टिकल्स पढ़ सकते हैं।

भाई ये लो Humayun Tomb photography tips: अगर आप फोटोग्राफी के शौकीन हैं, तो सुबह का समय बेस्ट है। सूरज की पहली किरणें मकबरे पर पड़ती हैं, और पूरा नजारा सुनहरा हो जाता है। एक अच्छा कैमरा ले जाएँ, और गार्डन से मकबरे का वाइड शॉट जरूर लें।
इतिहास की वो अनकही कहानियाँ |Humayun Tomb History
Humayun Tomb history की बात करें तो ये मकबरा हुमायूं की मौत के बाद उनकी बेगम हमीदा बानो ने बनवाया था। हुमायूं, जो मुगल वंश का दूसरा बादशाह था, 1556 में अपनी लाइब्रेरी की सीढ़ियों से गिरकर चल बसा। उनकी बेगम ने उनके लिए ऐसा मकबरा बनवाया, जो उनकी शाही हैसियत को दर्शाए। लेकिन दोस्तों, ये मकबरा सिर्फ हुमायूं का नहीं है। यहाँ 150 से ज्यादा मुगल शहजादों, बेगमों, और रिश्तेदारों की कब्रें हैं। इसे “मुगलों का शाही कब्रिस्तान” भी कहते हैं। अगर आप मुगल इतिहास में और डीप डाइव करना चाहते हैं, तो BBC History पर कुछ रोचक जानकारी मिलेगी।
मुझे याद है, जब मैं वहाँ गाइड की बातें सुन रहा था, तो भवानी ने मजाक में कहा, “यार, इतने सारे लोग यहाँ सो रहे हैं, और हम फोटो खींच रहे हैं।” मैं हँस पड़ा, लेकिन सच कहूँ, यहाँ की शांति और वो पुराने जमाने की कहानियाँ आपको सोचने पर मजबूर कर देती हैं।
चारबाग गार्डन
Humayun Tomb garden की बात न करूँ, तो ये पोस्ट अधूरी रहेगी। मकबरे के चारों ओर बना चारबाग गार्डन इस जगह की जान है। ये गार्डन चार हिस्सों में बँटा है, और बीच में पानी की छोटी-छोटी नहरें बहती हैं। दोस्तों, यहाँ की हरियाली और शांति ऐसी है कि आप घंटों बैठकर बस सुकून पा सकते हैं। मैं और भवानी यहाँ के एक पेड़ के नीचे बैठकर चाय की चुस्कियाँ ले रहे थे, और भवानी ने कहा, “यार, अगर हमारा घर भी ऐसा होता, तो मैं कभी बाहर न निकलता।” मैंने हँसते हुए कहा, “भाई, तू तो वैसे भी बाहर नहीं निकलता!” अगर आप चारबाग गार्डन की डिज़ाइन के बारे में और जानना चाहते हैं, तो Smithsonian Gardens पर इसकी history पढ़ सकते हैं।
हुमायूं का मकबरा के 5 रोचक तथ्य | Humayun Tomb Facts
Humayun Tomb facts जो आपको हैरान कर देंगे:
- ताजमहल की प्रेरणा: ये मकबरा ताजमहल का प्रोटोटाइप माना जाता है, क्योंकि इसका डिज़ाइन बाद में ताजमहल के लिए प्रेरणा बना।
- 150 से ज्यादा कब्रें: यहाँ सिर्फ हुमायूं की ही कब्र नहीं, बल्कि कई मुगल शहजादों और बेगमों की कब्रें भी हैं।
- पहला चारबाग गार्डन: भारत में पहली बार चारबाग शैली का गार्डन यहीं बनाया गया।
- फारसी आर्किटेक्ट: इसे फारसी आर्किटेक्ट मिर्जा घियास ने डिज़ाइन किया था।
- रेस्टोरेशन: आगा खान ट्रस्ट ने 1990 के दशक में इसे रीस्टोर किया, जिसके बाद ये और खूबसूरत हो गया।
आसपास की और जगहें | Humayun Tomb Nearest Tourist Places
Humayun Tomb के आसपास भी कई देखने लायक जगहें हैं। आप चाहें तो निजामुद्दीन दरगाह जा सकते हैं, जो यहाँ से बस 5 मिनट की दूरी पर है। वहाँ की कव्वालियाँ सुनकर आपका मन प्रसन्न हो जाएगा। इसके अलावा, Safdarjung Tomb और Lodhi Garden भी पास में ही हैं। हमने तो Lodhi Garden में भी थोड़ा टहल लिया था, और वहाँ की हरियाली ने हमें तरोताजा कर दिया। अगर आप दिल्ली की और जगहों के बारे में जानना चाहते हैं, तो Culture Trip पर ढेर सारे रिव्यूज पढ़ सकते हैं। आप मेरे Delhi Tour के बाकी जगहों के बारे में भी जान सकते हैं।
- Jantar Mantar Delhi
- Birla Mandir Delhi
- Akshardham Temple Delhi
- Lotus Temple Delhi
- Delhi Tourist Places : A Complete Delhi Travel Guide in Hindi
टिकट और समय | Humayun Tomb Timing And Ticket
Humayun Tomb entry fee 2025 की बात करें तो भारतीय नागरिकों के लिए टिकट 30 रुपये है, और विदेशी पर्यटकों के लिए 500 रुपये। अगर आप वीडियो कैमरा ले जाना चाहते हैं, तो उसके लिए 25 रुपये अतिरिक्त देने पड़ते हैं। मकबरा सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक खुला रहता है। Best time to visit Humayun Tomb सुबह का है, क्योंकि तब भीड़ कम होती है, और मौसम भी सुहाना रहता है। हम सुबह 8 बजे पहुँचे थे, और उस समय का नजारा देखकर मन खुश हो गया।
हमायूं का मकबरा घूमने का बजट | Humayun Tomb Tour Budget
Humayun Tomb की सैर बजट-फ्रेंडली है, दोस्तों। अगर आप दिल्ली में हैं, तो यहाँ का एक दिन का ट्रिप आसानी से 500-1000 रुपये में हो सकता है। चलिए, ब्रेकडाउन देखते हैं:
- टिकट: 30 रुपये (भारतीयों के लिए)।
- ट्रांसपोर्ट: मेट्रो और ऑटो से आने-जाने में 50-100 रुपये।
- खाना: निजामुद्दीन के पास ढाबे में पराठे और चाय 100-200 रुपये में मिल जाएँगे।
- गाइड: अगर गाइड लेते हैं, तो 200-300 रुपये।
- एक्स्ट्रा: पानी की बोतल, स्नैक्स, या फोटोग्राफी के लिए 100-200 रुपये।
कुल मिलाकर, 500 रुपये में आप एक शानदार ट्रिप प्लान कर सकते हैं। अगर आप पास की जगहें जैसे Nizamuddin Dargah या Lodhi Garden भी घूमना चाहते हैं, तो 200-300 रुपये और जोड़ लें। अगर आप बजट ट्रैवल टिप्स चाहते हैं, तो खूबसूरत भारत पर मेरी पुरानी पोस्ट Yatra Guide चेक करें।
लोकल खाने का मजा
हुमायूं के मकबरे के पास निजामुद्दीन इलाके में कुछ शानदार ढाबे और रेस्तरां हैं। हमने वहाँ एक छोटे से ढाबे में पराठे और चाय का मजा लिया। यार, वो आलू के पराठे और मसाला चाय का स्वाद आज भी जीभ पर है। अगर आप नॉन-वेज लवर हैं, तो निजामुद्दीन दरगाह के पास की गलियों में बिरयानी और कबाब ट्राई कर सकते हैं। भवानी तो बिरयानी खाकर इतना खुश हुआ कि बोला, “यार, दिल्ली सिर्फ इतिहास के लिए नहीं, खाने के लिए भी जन्नत है!” अगर आप पास के रेस्तरां ढूँढ रहे हैं, तो Zomato पर चेक कर सकते हैं।
कुछ मजेदार और कुछ इमोशनल पल
यार, Humayun Tomb की सैर के दौरान एक मजेदार वाकया हुआ। भवानी ने एक सेल्फी स्टिक खरीदी थी, और वो इसके साथ ऐसे फोटो खींच रहा था जैसे कोई इंस्टाग्राम इन्फ्लुएंसर हो। लेकिन अचानक उसकी स्टिक टूट गई, और वो उदास सा मुँह लटकाकर बैठ गया। मैंने उसे चिढ़ाया, “भाई, तू तो यहाँ बादशाह बनने आया था, अब ये हाल!” फिर हम दोनों हँसते-हँसते लोटपोट हो गए। लेकिन सच कहूँ, यहाँ की शांति और खूबसूरती ने मेरे मन को बहुत सुकून दिया। मैंने सोचा कि कैसे लोग उस जमाने में इतने बड़े-बड़े सपने देखते थे, और अपनी यादों को ऐसे अमर कर जाते थे।
कैसे करें प्लान? | Humayun Tomb Tour Planning
अगर आप Humayun Tomb की सैर प्लान कर रहे हैं, तो कुछ बातें ध्यान रखें:
- समय: 2-3 घंटे का समय रखें, ताकि मकबरे और गार्डन को आराम से देख सकें।
- कपड़े: हल्के और आरामदायक कपड़े पहनें, क्योंकि दिल्ली की गर्मी कम नहीं है।
- करीबी जगहें: एक दिन में Humayun Tomb, Nizamuddin Dargah, और Lodhi Garden को कवर कर सकते हैं।
- खाना: पास के ढाबों में लोकल खाने का मजा लें।
क्यों जाएँ Humayun Tomb?
दोस्तों, अगर आप दिल्ली में हैं, और Humayun Tomb नहीं देखा, तो आपने दिल्ली का एक बड़ा हिस्सा मिस कर दिया। ये जगह सिर्फ एक मकबरा नहीं है, बल्कि इतिहास, वास्तुकला, और प्रकृति का एक खूबसूरत मेल है। यहाँ आकर आपको न सिर्फ मुगल काल की झलक मिलेगी, बल्कि आपकी आत्मा को भी सुकून मिलेगा। मेरे लिए तो ये जगह एक ऐसी याद बन गई, जो हमेशा मेरे दिल में रहेगी।
Humayun Tomb FAQS
1. Humayun Tomb का टिकट कितने का है?
भारतीयों के लिए 30 रुपये और विदेशियों के लिए 500 रुपये। वीडियो कैमरा के लिए 25 रुपये अतिरिक्त।
2. Humayun Tomb जाने का सबसे अच्छा समय क्या है?
सुबह 6-8 बजे, जब मौसम सुहाना होता है और भीड़ कम होती है।
3. क्या वहाँ फोटोग्राफी की इजाजत है?
हाँ, लेकिन वीडियो कैमरा के लिए अतिरिक्त शुल्क देना पड़ता है।
4. Humayun Tomb के पास और क्या देख सकते हैं?
निजामुद्दीन दरगाह, सफदरजंग मकबरा, और लोधी गार्डन पास में ही हैं।
खूबसूरत भारत के लिए एक खास जगह
Humayun Tomb वो जगह है, जो खूबसूरत भारत की हर उस कहानी को दर्शाती है, जो हम अपने देश की विरासत के बारे में बताना चाहते हैं। ये सिर्फ एक मकबरा नहीं, बल्कि हमारे इतिहास का एक ऐसा पन्ना है, जो हमें गर्व महसूस करवाता है। मैं और भवानी यहाँ से लौटे, तो हमारे पास न सिर्फ फोटो थे, बल्कि ढेर सारी यादें भी थीं।
तो दोस्तों, अगली बार जब आप दिल्ली जाएँ, तो Humayun Tomb को अपनी लिस्ट में जरूर शामिल करें। और हाँ, अगर आपको मेरी ये सैर पसंद आई, तो खूबसूरत भारत पर जाकर मेरी बाकी यात्राओं की कहानियाँ भी पढ़ें। भवानी को तो मैं फिर से दिल्ली ले जाऊँगा, क्योंकि उसने कहा, “यार, एक बार और चल, इस बार मैं सेल्फी स्टिक नहीं तोड़ूँगा!” हाहा, आप भी अपनी यात्रा की कहानियाँ मेरे साथ शेयर करें, और बताएँ कि आपको Humayun Tomb कैसा लगा। कमेंट में अपनी कहानी जरूर बताएँ!
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