छत्तीसगढ़ राज्य, भारत | छत्तीसगढ़ से जुड़े रोचक बातें
छत्तीसगढ़ राज्य, भारत | छत्तीसगढ़ से जुड़े रोचक बातें
खूबसूरत भारत मे आज हम जानेंगे, भारत के एक ऐसे राज्य के बारे में जिसे महतारी अर्थात मां का दर्जा दिया जाता है। तो चलिये देखते हैं भारत के खूबसूरत राज्य भारत मां के दुलारी, छत्तीसगढ़ महतारी के बारे में।
छत्तीसगढ़ राज्य
मध्य भारत मे स्थित, भारत के सबसे तेजी से विकसित राज्यों में से एक छत्तीसगढ़ प्राकृतिक, सांस्कृतिक और धार्मिक रूप से सम्पन्न है। छत्तीसगढ़ के उत्तर में उत्तर प्रदेश, उत्तर-पश्चिम में मध्यप्रदेश, उत्तर-पूर्व में उड़ीसा और झारखंड, दक्षिण में तेलंगाना, आंध्रप्रदेश और पश्चिम में महाराष्ट्र राज्य स्थित हैं।
खूबसूरत पहाड़ियों से घिरा हुआ, घने जंगलों वाला राज्य, धान का कटोरा, छत्तीसगढ़, जिसके तीन प्राकृतिक खण्ड, उत्तर में सतपुड़ा, मध्य में महानदी एवं उसकी सहायक नदियों का मैदानी क्षेत्र और दक्षिण में बस्तर का पठार है। जहां महानदी, शिवनाथ, खारुन, सोंढूर, हसदेव, अरपा, पैरी और इंद्रावती जैसे बड़े नदियां बहती है।
छत्तीसगढ़ एक नजर में
32 जिलों वाला छत्तीसगढ़ 1,35,194 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत का दसवां बड़ा राज्य है और लगभग 2 करोड़ 55 लाख जनसंख्या के साथ देश का सोलहवां सबसे बड़ा राज्य है। जनगणना, 2011 के अनुसार, छत्तीसगढ़ में साक्षरता दर 71.04 % है। छत्तीसगढ़ की राजधानी नया रायपुर है जो भारत के सबसे खूबसूरत शहरों में शुमार है। छत्तीसगढ़ के लोगों की मूल भाषा छत्तीसगढ़ी है।
छत्तीसगढ़ एक ऐसा राज्य है जिसका 44% क्षेत्र वनों से आच्छादित है। वन भैंसा छत्तीसगढ़ का राजकीय पशु है और पहाड़ी मैना राजकीय पक्षी। इसके साथ ही साल, छत्तीसगढ़ का राजकीय वृक्ष है।
पूरे भारत में यंही सबसे ज्यादा मिस्रित वन पाया जाता है। जहां साल, सागौन, साजा, बीजा और बाँस जैसे वृक्षों की अधिकता है। छत्तीसगढ़ क्षेत्र के बीच में महानदी और उसकी सहायक नदियाँ लगभग 80 कि॰मी॰ चौड़ा और 322 कि॰मी॰ लम्बा एक विशाल उपजाऊ मैदान का निर्माण करती हैं, और इसी मैदानी क्षेत्र के भीतर हैं रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर जैसे जिलों के दक्षिणी भाग।
छत्तीसगढ़ का इतिहास
1 नवम्बर 2000 को मध्यप्रदेश से अलग होकर भारत का 26 वां राज्य के रूप में स्थापित छत्तीसगढ़, भारत का एक ऐसा राज्य है जिसे ‘महतारी’ अर्थात मां का दर्जा दिया गया है। छत्तीसगढ़ को पहले दक्षिण कोशल के नाम से जाना जाता था। छत्तीसगढ़ नाम का प्रचलन 18 वी सदी के दौरान मराठा काल में शुरू हुआ। आधिकारिक दस्तावेज में “छत्तीसगढ़” का प्रथम प्रयोग 1795 में हुआ था।
छत्तीसगढ़, वैदिक और पौराणिक काल से ही विभिन्न संस्कृतियों के विकास का केन्द्र रहा है। यहाँ के प्राचीन मन्दिर तथा उनके भग्नावशेष इंगित करते हैं कि यहाँ पर वैष्णव, शैव, शाक्त, बौद्ध संस्कृतियों का विभिन्न कालों में प्रभाव रहा है।
वाल्मीकि रामायण में भी छत्तीसगढ़ के बीहड़ वनों तथा महानदी का स्पष्ट विवरण है। यहां के सिहावा पर्वत के आश्रम में निवास करने वाले श्रृंगी ऋषि ने ही अयोध्या में राजा दशरथ के यहाँ पुत्र्येष्टि यज्ञ करवाया था जिससे कि तीनों भाइयों सहित भगवान श्री राम का पृथ्वी पर अवतार हुआ। भगवान राम अपने वनवास की अवधि में भी यहां आये थे।
महाकवि कालिदास का जन्म स्थल छत्तीसगढ़, प्राचीन काल में मौर्यों, सातवाहनों, वकाटकों, गुप्तों, राजर्षितुल्य कुल, शरभपुरीय वंशों, सोमवंशियों, नल वंशियों, aur कलचुरियों का शासन था।
समृद्ध छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ सांस्कृतिक रूप से काफी समृद्ध है। छत्तीसगढ़ की संस्कृति में गीत एवं नृत्य का बहुत महत्त्व है। यहाँ के लोकगीतों में विविधता है। छत्तीसगढ़ में विभिन्न लोकनृत्य जैसे पंथी, सुआ, राउत नाच आदि प्रसिद्ध हैं। गीत आकार में भले ही छोटे होते है लेकिन संस्कृति से सना हुआ होता हैं।
छत्तीसगढ़ के धार्मिक स्थल
छत्तीसगढ़ ऐतिहासिक, पुरातात्विक एवं पर्यटन की दृष्टि से अत्यंत समृद्ध है राज्य के प्रमुख स्थलों में भोरमदेव, सिरपुर, राजिम बारसूर, तीरथगढ़ एवं चित्रकूट जलप्रपात आदि है। छत्तीसगढ़ के गौरवशाली अतीत के परिचायक कुलेश्वर मंदिर राजिम, शिव मंदिर चन्दखुरी, सिद्धेश्वर मंदिर पलारी, आनंद प्रभु कुटी विहार और स्वास्तिक बिहार सिरपुर, जगन्नाथ मंदिर खल्लारी, भोरमदेव मंदिर कवर्धा, बत्तीसा मंदिर बारसूर और महामाया मंदिर रतनपुर सहित पुरातत्वीय दृष्टि से महत्वपूर्ण 58 स्मारक को राज्य संरक्षित स्मारक घोषित किया गया हैं।
छत्तीसगढ़ के पर्यटन
छत्तीसगढ़ देश का हृदय प्रदेश है एवं प्राकृतिक विविधता और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से भरपूर हैं। बस्तर अपनी अद्वितीय पारिस्थितिकी और सांस्कृतिक पहचान के लिए प्रसिद्ध है। जगदलपुर के निकट कांगेर घटी क्षेत्र में, तीरथगढ़ जलप्रपात छत्तीसगढ़ का सबसे ऊँचा जलप्रपात है दूसरी ओर भारत के नियाग्रा के नाम से प्रसिद्ध चित्रकूट जलप्रपात, कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान, केशकाल घाटी, कुटूमसर गुफाओं और कैलाश गुफाओं, आदि है जो पर्यटकों को आकर्षित करते है।
छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था मुख्यतः कृषि एवं उद्योग आधारित है। धान की भरपूर पैदावार के कारण इसे धान का कटोरा भी कहा जाता है। छत्तीसगढ़ भारत के खनिज समृद्ध राज्यों में से एक है। जो देश के लिए बिजली और इस्पात का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। छत्तीसगढ़ देश का जीरो पॉवर कट राज्य है।
छत्तीसगढ़ में सड़के
2,184 किमी. राष्ट्रीय मार्ग और 3611 किमी. राजमार्ग के साथ छत्तीसगढ़ में सड़कों की कुल लंबाई 45,988 किमी. है। इसमें जिला सड़कें 8031 किमी. और ग्रामीण सड़कों की लंबाई 27,566 किमी. शामिल है।
छत्तीसगढ़ कैसे पहुंचे
छत्तीसगढ़ के सभी प्रमुख शहर रेल मार्ग के माध्यम से जुड़े हुए हैं। राजधानी रायपुर के स्वामी विवेकानंद एअरपोर्ट से भारत के महत्वपूर्ण शहरों के लिए नियमित उड़ान सेवा उपलब्ध है। इसके अलावा आप सड़क मार्ग से भी छत्तीसगढ़ पहुंच सकते है।
तो ये था, धान का कटोरा, भारत मां के दुलारी, छत्तीसगढ़ महतारी, जिसका महिमा है बड़ा भारी, और जिसे आप मे जाना बारी बारी। छत्तीसगढ़ से जुड़े और अधिक जानकारी के लिए ये वीडियो देखें।