गुजरात राज्य, भारत | गुजरात से जुड़े रोचक बातें
खूबसूरत भारत मे आज हम जानेंगे, भारत के एक ऐसे राज्य के बारे में जो अपनी जीवंत संस्कृति, समृद्ध विरासत के अलावा, प्राकृतिक परिदृश्य और स्वादिष्ट व्यंजनों के लिए प्रसिद्ध है। तो चलिये देखते हैं भारत के खूबसूरत राज्य, राष्ट्र पिता महात्मा गांधी का जन्म भूमि, द लैंड ऑफ लीजेंड्स, कहे जाने वाले गुजरात के बारे में।
गुजरात राज्य
अरब सागर के किनारे बसा, पश्चिमी भारत में स्थित, भारत के सबसे खूबसूरत राज्यों में से एक एशियाई शेरो की भूमि गुजरात, सांस्कृतिक और धार्मिक रूप से सम्पन्न है। गुजरात के उत्तर में राजस्थान और पश्चिम में अरब सागर, दक्षिण में महाराष्ट्र, दक्षिणी सीमा पर दादर एवं नगर-हवेली, और इसके साथ ही उत्तरी-पश्चिमी सीमा में पाकिस्तान से घिरा हुआ है।
द लैंड ऑफ लीजेंड्स कहे जाने वाले, गुर्जर राजाओं का राज्य, गुजरात, सतपुड़ा के खूबसूरत पहाड़ियों से घिरा हुआ, सुंदर तट वाला राज्य, एशियाई शेरों का घर, गुजरात जो भारत के सबसे उपजाऊ क्षेत्रों का हिस्सा है। गुजरात की आश्चर्यजनक भूमि भारत के उन स्थानों में से एक है, जिसकी संस्कृति और मान्यताओं और परंपराओं में विविधता इसे बाकी भारतीय राज्यों से अलग करती है।
गुजरात राज्य एक नजर में
33 जिलों वाला गुजरात 1,96,024 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत का 5 वां बड़ा राज्य है और लगभग 6 करोड़ 44 लाख जनसंख्या के साथ देश का 9 वां सबसे बड़ा राज्य है। जनगणना, 2011 के अनुसार, गुजरात में साक्षरता दर 82.4% है। गुजरात की राजधानी गांधीनगर है जो भारत के दूसरा आयोजित रूप से बसाया शहर है। जिसे ग्रीन सिटी भी कहा जाता है। गुजरात के लोगों की मूल भाषा गुजराती और हिंदी है। गुजरात में कुल 185 नदियाँ हैं। जिसमें अधिकांश नदियां गुजरात के बाहर से आती हैं। इसके साथ ही गुजरात में नर्मदा, साबरमती, माही, माछु और किम जैसे बड़े और खूबसूरत नदियां बहती है। गुजरात के वनों में उपलबध वृक्षों की जातियाँ हैं जिसमे सागवान, खैर, हलदरियो, सादाद और बाँस प्रमुख हैं।
गुजरात एक ऐसा राज्य है जिसका लगभग 11.18% क्षेत्र वनों से आच्छादित है। बब्बर शेर गुजरात का राजकीय पशु है और ग्रेटर फ्लेमिंगो राजकीय पक्षी। इसके साथ ही बरगद गुजरात का राजकीय वृक्ष और गेंदा राजकीय फूल है। गुजरात के भूभौतिकीय और पारिस्थितिक-जलवायु स्थितियों में गर्म खारे रेगिस्तान से लेकर आर्द्र पहाड़ी इलाकों तक और तट से लेकर ऊँची पहाड़ियों तक की व्यापक विविधताएँ हैं, गुजरात प्रजातियों, आवासों और पारिस्थितिक तंत्र की पुष्प विविधता में समृद्ध है जो देश की लगभग 13% फूलों की विविधता का प्रतिनिधित्व करता है। राजसी एशियाई शेर और जंगली गधे के पास गुजरात में दुनिया के अपने अंतिम रिसॉर्ट हैं। जीव-जंतुओं की जैव विविधता में 14% मछलियाँ, 18% सरीसृप, 37% पक्षी और देश की स्तनपायी आबादी का 25% शामिल हैं।
गुजरात राज्य का इतिहास
आजादी के बाद बम्बई प्रेसिडेंट के कुछ भाग को मिलाकर भाषाई आधार पर आधिकारिक रूप से 1 मई 1960 को भारत का एक राज्य के रूप में स्थापित गुजरात, भारत का एक ऐसा राज्य है जिसे भारत के सबसे आकर्षक राज्य का दर्जा दिया गया है। गुजरात को पहले देव भूमि के नाम से जाना जाता था। हिमाचल प्रदेश नाम का प्रचलन 19 वी सदी के दौरान अंग्रेजी शासन काल में शुरू हुआ। आधिकारिक दस्तावेज में “हिमाचल प्रदेश” का प्रथम प्रयोग 15 अप्रैल 1948 ई. में हुआ था।
गुजरात, पाषाण, चोलकोथिक और कांस्य युग से ही विभिन्न संस्कृतियों के विकास का केन्द्र रहा है। यहाँ के प्राचीन मन्दिर और पर्यटन लोगो को बहुत आकर्षित करते हैं। यहाँ भगवान श्रीकृष्ण के अलावा मौर्यो, गुप्तो और चालुक्य राजवंशों का विभिन्न कालों में प्रभाव रहा है। गुजरात का इतिहास उतना ही प्राचीन है, जितना कि मानव अस्तित्व का अपना इतिहास है। गुजरात का इतिहास लगभग 2000 वर्ष पुराना है। माना जाता है कि भगवान श्री कृष्ण मथुरा छोड़कर सौराष्ट्र के पश्चिमी तट पर जा बसे। प्राचीनकाल में इस प्रदेश का इतिहास पाषाण युग के बस्तियों के साथ शुरू हुआ।
अपनी समृद्ध विरासत के लिए दुनिया भर में मशहूर गुजरात में, प्राचीन काल में मौर्यों, गुप्तो, गुर्जरों, चालुक्य राजवंशों और असंख्य छोटे राज्यों ने इस पश्चिमी राज्य पर शासन किया और इसके विभिन्न क्षेत्रों में अपनी शक्ति को स्थापित किया।
समृद्ध गुजरात
गुजरात सांस्कृतिक रूप से काफी समृद्ध है। गुजरात की संस्कृति में गीत एवं नृत्य का बहुत महत्त्व है। यहाँ के लोकगीतों में भगवान श्री कृष्ण की छवि झलकती है। गुजरात में विभिन्न लोकनृत्य जैसे रासनृत्य रासलीला प्रसिद्ध लोकनृत्य गरबा, भवई आदि प्रसिद्ध हैं। यहाँ का गीत बहुत मधुर और आनंददायक और संस्कृति से भरा हुआ होता हैं। गुजरात एक बहुसांस्कृतिक और बहुभाषी राज्य है। सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाओं में से कुछ गुजराती और हिंदी है।
गुजरात के धार्मिक स्थल
गुजरातधार्मिक, ऐतिहासिक, पुरातात्विक एवं पर्यटन की दृष्टि से अत्यंत समृद्ध है। अरब सागर की शानदार किनारे, अपनी सुन्दरता और आध्यात्मिक शांति की आभा के साथ देवताओं का प्राकृतिक घर के सामान प्रतीत होता है। गुजरात, सृष्टि के पालनकर्ता भगवान श्री कृष्ण का कर्म भूमि है। पूरा प्रदेश धार्मिक दृष्टिकोण से सम्पन्न है।
पश्चिमी तट पर स्थित गुजरात को पश्चिम का जेवर भी कहते हैं। यह भारत का सबसे अधिक औद्योगिक और समृद्ध राज्य है। यहां आपको आधुनिक परिवेश और सदियों पुरानी परंपराओं का सुखद मेल देखने को मिल जाएगा। अलग अलग राजवंशों ने यहां मंदिर वास्तुकला की कई अलग-अलग शैलियों का विकास किया है।
हमारे देश में अनेक प्राचीन मंदिर हैं जो आस्था और धर्म के प्रतीक हैं ऐसे ही कुछ प्रसिद्द और प्राचीन मंदिरों का संगम है गुजरात, राज्य के प्रमुख धार्मिक स्थलों में द्वारिका पूरी, सोमनाथ और नागेश्वर ज्योतिर्लिंग सहित तख्तेश्वर मंदिर, अक्षरधाम मंदिर, पालिताना मंदिर, कालिका मंदिर, भालका तीर्थ, नारायण मंदिर, जामा मस्जिद, राज बाबरी मस्जिद, रानी रुपमति मस्जिद, जैसे प्रसिद्ध स्थल हैं जो लोगों को आपनी ओर आकर्षित कर गुजराती संस्कृति से मेल कराती हैं।
गुजरात के पर्यटन स्थल
गुजरात पर्यटन की दृष्टि से काफी संपन्न है। यहां घूमने के लिए असंख्य पर्यटन स्थल हैं, जहां आप यात्रा के लिए जा सकते हैं। गुजरात कला, इतिहास, संगीत और संस्कृति का एक आदर्श मिश्रण प्रस्तुत करता है। अपने कई आकर्षणों के अलावा गुजरात, एशियाई शेरों का एक मात्र घर भी है। गुजरात कच्छ के महान रण से सतपुड़ा की पहाड़ियों तक के प्राकृतिक सौंदर्य प्रस्तुत करता है। इसके अलावा यह अपनी 1600 किलोमीटर से अधिक लंबी तटरेखा के साथ ही कुछ शानदार प्राचीन गुफा चित्रों, ऐतिहासिक भित्ति चित्रों, पवित्र मंदिरों, ऐतिहासिक राजधानियों, वन्यजीव अभयारण्यों, समुद्र तटों, पहाड़ी रिसॉर्ट्स और आकर्षक हस्तशिल्प के लिए भी जाना जाता है।
गुजरात के कांकरिया झील, रन ऑफ कच्छ, सोमनाथ, गिर नेशनल पार्क, लक्ष्मी विलास पैलेस, पक्षी विहार, मरीन नेशनल पार्क, जूनागढ़, सापुतारा हिल, दांता अंबाजी, पाटन, वडोदरा, यूनिटी ऑफ स्टेच्यू और गांधी नगर जैसे पर्यटन स्थल अपनी अद्वितीय पारिस्थितिकी और सांस्कृतिक पहचान के लिए प्रसिद्ध है। जो पर्यटकों को आकर्षित करते है।
गुजरात की अर्थव्यवस्था
गुजरात हमेशा से व्यापार और गतिविधि का केंद्र रहा है। नाविकों के लिए पसंदीदा बंदरगाह, व्यापार और उद्योग का केंद्र हैं, गुजरात एक गतिशील पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होने की क्षमता, विरासत की पेशकशों की संपत्ति, समुद्र तटों, बढ़ते वन्य जीवन, उत्तम ग्रामीण हस्तशिल्प और विविध सांस्कृतिक धन के साथ गुजरात अपने आर्थिक विकास के मामले में भारत का नेतृत्व कर रहा है।
राज्य में औद्योगिक ढाँचे में धीरे-धीरे विविधता आती जा रही है और यहाँ रसायन, पेट्रो-रसायन, उर्वरक, इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स आदि उद्योगों का विकास हो रहा है। गुजरात कपास, तम्बाकू और मूँगफली का उत्पादन करने वाला देश का प्रमुख राज्य है इसके अलावा यह कपड़ा, तेल और साबुन जैसे महत्वपूर्ण उद्योगों के लिए कच्चा माल उपलब्ध कराता है। यहाँ की अन्य महत्वपूर्ण नकदी फसलें हैं, धान, गेहूँ और बाजरा।
गुजरात में सड़के
सड़क मार्ग इस राज्य की यातायात का प्रमुख माध्यम है। 7873 किमी. राष्ट्रीय मार्ग और 18447 किमी. राजमार्ग के साथ गुजरात में सड़कों की कुल लंबाई 104564 किमी. है। इसमें जिला सड़कें और ग्रामीण सड़को की लंबाई 78244 किमी. शामिल है।
गुजरात कैसे पहुंचे
सड़क मार्ग द्वारा गुजरात आसानी से पहुँचा जा सकता है। अंतरराज्यीय बस सेवाएं दिल्ली, चंडीगढ़, राजस्थान, मध्यप्रदेश और अन्य पड़ोसी राज्यों से उपलब्ध हैं। इसके अलावा गुजरात वडोदरा, अहमदाबाद, सूरत, राजकोट, भुज और भावनगर जैसे बड़े शहरों के साथ रेल मार्ग के माध्यम से जुड़े हुए हैं। इसके साथ ही राज्य के अहमदाबाद स्थित मुख्य हवाई अड्डे से मुम्बई, दिल्ली और अन्य नगरों के लिए दैनिक विमान सेवा उपलब्ध है। अहमदाबाद अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के साथ वड़ोदरा, भावनगर, भुज, सूरत, जामनगर, काण्डला, केशोद, पोरबन्दर और राजकोट हवाई अड्डे राज्य को हवाई संपर्क प्रदान करते हैं।
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