हिमाचल प्रदेश राज्य दर्शन | Himachal Pradesh
हिमाचल प्रदेश राज्य दर्शन | Himachal Pradesh Rajya Darshan
खूबसूरत भारत मे आज हम जानेंगे, भारत के एक ऐसे राज्य के बारे में जो अपने खूबसूरत हिल स्टेशन और चमकीले बर्फ़ीली पहाड़ियों के लिए जाना जाता है। तो चलिये देखते हैं भारत के खूबसूरत राज्य, देव भूमि, बर्फीले पहाड़ो का प्रांत, हिमाचल प्रदेश के बारे में।
हिमाचल प्रदेश
हिमालय की गोद मे बसा, उत्तर-पश्चिमी भारत में स्थित, भारत के सबसे खूबसूरत राज्यों में से एक हिमाचल प्रदेश प्राकृतिक, सांस्कृतिक और धार्मिक रूप से सम्पन्न है। हिमाचल प्रदेश के उत्तर में जम्मू-कश्मीर और पश्चिम में लद्दाख, दक्षिण-पश्चिम में पंजाब, दक्षिण में हरियाणा और उत्तर प्रदेश, दक्षिण-पूर्व में उत्तराखण्ड और इसके साथ ही पूर्व में तिब्बत से घिरा हुआ है।
हिमाचल प्रदेश का शाब्दिक अर्थ ही “बर्फ़ीले पहाड़ों का प्रांत” है। हिमालय की गोद मे बसा खूबसूरत पहाड़ियों से घिरा हुआ, घने जंगलों वाला राज्य, देव भूमि, हिमाचल प्रदेश, जो हिमालय पर्वत की शिवालिक श्रेणी का हिस्सा है। शिवालिक पर्वत श्रेणी से ही, घग्गर नदी निकलती है। इसके साथ ही हिमाचल में सतलुज, व्यास, चिनाब, रावी और कालिंदी जैसे बड़े और खूबसूरत नदियां बहती है।
हिमाचल प्रदेश एक नजर में
12 जिलों वाला हिमाचल प्रदेश 55,673 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत का 17 वां बड़ा राज्य है और लगभग 68 लाख 64 हजार जनसंख्या के साथ देश का 21 वां सबसे बड़ा राज्य है। जनगणना, 2011 के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में साक्षरता दर 82.8% है। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला है जो भारत के सबसे खूबसूरत हिल स्टेशनों में शुमार है। इसके साथ धर्मशाला हिमाचल प्रदेश का दूसरा राजधानी है। जिसे शीतकालीन राजधानी के रूप में जाना जाता हैं। हिमाचल प्रदेश के लोगों की मूल भाषा हिंदी और संस्कृत है।
हिमाचल प्रदेश एक ऐसा राज्य है जिसका लगभग 66% क्षेत्र वनों से आच्छादित है। बर्फानी तेंदुआ हिमाचल प्रदेश का राजकीय पशु है और जुजुराना राजकीय पक्षी। इसके साथ ही देवदार हिमाचल प्रदेश का राजकीय वृक्ष है।
हिमाचल प्रदेश के वन संवहनी वनस्पतियों से समृद्ध हैं, जो विशिष्ट वनस्पति आवरण का निर्माण करते हैं। यहां के जंगलों में औषधीय पौधों सहित अन्य जीवनोपयोगी पौधे रोपे जाते हैं। इसके साथ ही यहां मिश्रित पर्णपाती वन, बांस, चिल, ओक, देवदार, कैल, देवदार और स्प्रूस के विशिष्ट वनस्पति क्षेत्र पाए जाते हैं। हिमाचल प्रदेश की समुद्रतल से ऊँचाई की विविधता के कारण जलवायु में भी भिन्नता है। कहीं पूरा वर्ष बर्फ गिरती है, तो कहीं गर्मी होती हैं। हिमाचल में गर्म पानी के चशमें भी हैं और हिमनद भी है।
हिमाचल प्रदेश का इतिहास
आजादी के बाद पंजाब के कुछ भाग और और लगभग 30 पहाड़ी रियासतों को मिलाकर आधिकारिक रूप से 25 जनवरी 1971 को भारत का 18 वां राज्य के रूप में स्थापित हिमाचल प्रदेश, भारत का एक ऐसा राज्य है जिसे भारत के सबसे आकर्षक राज्य का दर्जा दिया गया है। हिमाचल प्रदेश को पहले देव भूमि के नाम से जाना जाता था। हिमाचल प्रदेश नाम का प्रचलन 19 वी सदी के दौरान अंग्रेजी शासन काल में शुरू हुआ। आधिकारिक दस्तावेज में “हिमाचल प्रदेश” का प्रथम प्रयोग 15 अप्रैल 1948 ई. में हुआ था।
हिमाचल प्रदेश, वैदिक और पौराणिक काल से ही विभिन्न संस्कृतियों के विकास का केन्द्र रहा है। यहाँ के प्राचीन मन्दिर और पर्यटन लोगो को बहुत आकर्षित करते हैं। यहाँ मौर्यो, आर्यो, गुप्तो और बौद्ध संस्कृतियों का विभिन्न कालों में प्रभाव रहा है।
हिमाचल प्रदेश का इतिहास उतना ही प्राचीन है, जितना कि मानव अस्तित्व का अपना इतिहास है। इस बात की सत्यता के प्रमाण हिमाचल प्रदेश के विभिन्न भागों में हुई खुदाई में प्राप्त सामग्रियों से मिलते हैं। प्राचीनकाल में इस प्रदेश के आदि निवासी दास, दस्यु और निषाद के नाम से जाने जाते थे। इस क्षेत्र में आर्यों का प्रभाव ऋग्वेद से भी पुराना है।
अपनी खूबसूरती के लिए दुनिया भर में मशहूर हिमाचल प्रदेश में, प्राचीन काल में आर्यो, मौर्यों, गुप्तों, मुगल शासकों, और असंख्य छोटे राज्यों ने इस पहाड़ी राज्य पर शासन किया और इसके विभिन्न प्रदेश में अपनी शक्ति को स्थापित किया।
समृद्ध हिमाचल प्रदेश
हिमाचल प्रदेश सांस्कृतिक रूप से काफी समृद्ध है। हिमाचल प्रदेश की संस्कृति में गीत एवं नृत्य का बहुत महत्त्व है। यहाँ के लोकगीतों में विविधता है। हिमाचल प्रदेश में विभिन्न लोकनृत्य जैसे नाटी, डांगी, छन्नक छम, कयांग माला और राक्षस नृत्य आदि प्रसिद्ध हैं। यहाँ का गीत बहुत मधुर और आनंददायक और संस्कृति से भरा हुआ होता हैं। हिमाचल प्रदेश एक बहुसांस्कृतिक और बहुभाषी राज्य है। सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाओं में से कुछ हिंदी और पहाड़ी है।
हिमाचल प्रदेश के धार्मिक स्थल
हिमाचल प्रदेश ऐतिहासिक, पुरातात्विक एवं पर्यटन की दृष्टि से अत्यंत समृद्ध है। हिमालय पर्वत की शानदार ऊंचाई, अपनी विहंगम सुन्दरता और आध्यात्मिक शांति की आभा के साथ देवताओं का प्राकृतिक घर के सामान प्रतीत होता है I पूरे प्रदेश में 2 हज़ार से ज़्यादा मंदिर हैं। उच्च पर्वत मालाओं और पृथक घाटियों का राज्य होने के नाते, मंदिर वास्तुकला की कई अलग-अलग शैलियों का विकास किया है। जिसमे नक्काशीदार पत्थर शिखर, पैगोड़ाशैली के धार्मिक स्थल, बौद्ध मठों की तरह मंदिर या सिक्ख गुरुद्वारा है I
राज्य के प्रमुख धार्मिक स्थलों में ब्रिजेश्वरी मंदिर, बैजनाथ मंदिर, ज्वालामुखी मंदिर, चामुंडा मंदिर, लक्ष्मी नारायण मंदिर, चौरासी मंदिर, पराशर मंदिर, रिवालसर, शिकारी माता, हणोगी माता, कोयला माता, रघुनाथ जी मंदिर, बिजली महादेव मंदिर, हाटकोटी मंदिर, जाखू और संकट मोचन मंदिर, नयना देवी मंदिर, चिंतपूर्णी, रेणुका, त्रिलोकपुर, बाबा बालक नाथ, थांग युंग गोम्पा, जैसे प्रसिद्ध स्थल हैं जो लोगों को आपनी ओर आकर्षित करता हैं।
हिमाचल प्रदेश के पर्यटन स्थल
हिमाचल प्रदेश देश का पर्यटन प्रदेश है हिमाचल प्राकृतिक विविधता और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से भरपूर हैं। हिमाचल प्रदेश अपने खूबसूरत हिल स्टेशनों, दूर-दूर तक फैले बर्फ से ढके पहाड़ों, हरी-भरी ढलानों, जहां पर स्कीइंग, ट्रैकिंग और साहसिक खेलों के लिए विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है! हिमाचल प्रदेश अपने जंगलों, पहाड़ी इलाकों और नदियों के लिए जाना जाता है।
हिमाचल प्रदेश उत्तर भारत का सबसे चहीता पहाड़ी इलाका है जो खूबसूरत स्थलों के लिए मशहूर है। पहाड़ों से दिखते शानदार नज़ारे, इतना आकर्षित करते हैं की मानों इसी दुनिया में ही विलीन हो जाए। बिल्कुल ऐसे ही नज़ारे जो स्वर्ग जैसी अद्भुत दुनिया की वो सब आपको यहाँ दिखेंगे। एक शांतिप्रिय सफर जो आपके मन को रोज़मर्रा की चिंता से मुक्त कर देगा। यहाँ की तिब्बती संस्कृति की झलक भी आपको मोहित कर देगी। मठों की सैर करके आप अपनी आध्यात्मिकता को चरम-सीमा तक ले जा पाऐंगे। ट्रैकिंग, स्किईंग, पर्वतारोहण, आदि से आप अपने सफर को रोमांचक बनाने में भी यहाँ कामयाब हो जाऐंगे। हिमाचल प्रदेश के पर्यटन स्थल` इन सभी का मिश्रण है।
हिमाचल प्रदेश के शिमला, मनाली, कुल्लू, डलहौजी, मैक्लॉडगंज, धर्मशाला, कसौली, कसोल, स्पीति घाटी चितकुल, बीर बिलिंग, खज्जियार, फागु, और कुफरी जैसे पर्यटन स्थल अपनी अद्वितीय पारिस्थितिकी और सांस्कृतिक पहचान के लिए प्रसिद्ध है। जो पर्यटकों को आकर्षित करते है।
हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था
हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था मुख्यतः कृषि, पर्यटन और उद्योग आधारित है। आबादी का लगभग 79% कृषि और गतिविधियों पर आधारित है, इसके साथ ही तीर्थ स्थल की हिमाचल प्रदेश की अर्थ व्यवस्था में अहम भूमिका है। हिमाचल प्रदेश में जल विद्युत उत्पादन की भी अधिक क्षमता है, इसके साथ ही हिमाचल में अनेक प्रकार के खनिज होते है। इनमें चूने का पत्थर, डोलोमाइट युक्त चूने की पत्थर, चट्टानी नमक, सिलिका रेत और स्लेट होते है। यहां लौह अयस्क, तांबा, चांदी, शीशा, यूरेनियम और प्राकृतिक गैस भी पाई जाती है।
हिमाचल प्रदेश में सड़के
सड़क मार्ग इस राज्य की यातायात का प्रमुख माध्यम है। लेकिन मानसून और ठंड के मौसम में भू-स्खलन और अन्य वजहों से यह काफी बाधित होता है। 1752 किमी. राष्ट्रीय मार्ग और 2144 किमी. राजमार्ग के साथ हिमाचल प्रदेश में सड़कों की कुल लंबाई 33491 किमी. है। इसमें जिला सड़कें 4572 किमी. और ग्रामीण सड़कों में कच्ची सड़कों की लंबाई 9456 किलोमीटर और पक्के सड़को की लंबाई 15567 किमी. शामिल है।
हिमाचल प्रदेश कैसे पहुंचे
चंडीगढ़, कालका और पठानकोट से सड़क मार्ग द्वारा हिमाचल प्रदेश आसानी से पहुँचा जा सकता है । अंतरराज्यीय बस सेवाएं दिल्ली, चंडीगढ़, जयपुर और अन्य पड़ोसी शहरों से उपलब्ध हैं। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश कालका शिमला रेल लाइन, पठानकोट जोगिंदर नगर रेलवे लाइन और ऊना हिमाचल रेल मार्ग के माध्यम से जुड़े हुए हैं। इसके साथ ही हिमाचल की सीमाओं पर चंडीगढ़ और पठानकोट के हवाई अड्डे और गग्गल-कांगड़ा, भुंतर-कुल्लू और जुब्बरहट्टी शिमला के छोटे हवाई अड्डे राज्य को हवाई संपर्क प्रदान करते हैं।
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