जांजगीर शहर, छत्तीसगढ़ | जांजगीर से जुड़े रोचक बातें
जांजगीर शहर, छत्तीसगढ़ | जांजगीर से जुड़े रोचक बातें
खूबसूरत भारत मे आज हम जानेंगे, छत्तीसगढ़ के एक ऐसे शहर के बारे में जो अपनी जीवंत संस्कृति, समृद्ध विरासत के अलावा, विष्णु शैली में बने मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। तो चलिये देखते हैं भारत के खूबसूरत शहर, जाजल्यदेव नगरी, जांजगीर शहर के बारे में।
जांजगीर शहर
छत्तीसगढ़ के हृदय में बसा, जाजल्यदेव की नगरी जांजगीर शहर, सांस्कृतिक और धार्मिक रूप से सम्पन्न है। जांजगीर, उत्तर पूर्व में कोरबा और पश्चिम में बिलासपुर, दक्षिण में शिवरीनारायण, पूर्व में अपने जुड़वा शहर चाम्पा जैसे समृद्ध नगरों से घिरा हुआ है।
विष्णु मंदिर की भूमि, छत्तीसगढ़ के उपजाऊ भूमि वाले जांजगीर शहर, जांजगीर चाम्पा जिले का जिला मुख्यालय है। जांजगीर की आश्चर्यजनक भूमि भारत के उन स्थानों में से एक है, जिसकी संस्कृति और मान्यताओं और परंपराओं में विविधता इसे बाकी भारतीय शहरों से अलग करती है।
जांजगीर एक नजर में
किसानों का नगर जांजगीर, लगभग 40 हजार 5 सौ जनसंख्या के साथ छत्तीसगढ़ का एक प्रमुख शहर है। जनगणना, 2011 के अनुसार, जांजगीर में साक्षरता दर 73% है। हरे भरे पीपल के वृक्षों से सजे जांजगीर के लोगों की मूल भाषा हिंदी और छत्तीसगढ़ी है।
जांजगीर का इतिहास
जांजगीर का इतिहास काफी पुराना है। जांजगीर को पहले जाज्वल्यपुर के नाम से जाना जाता था। जाज्वल्यपुर (वर्तमान – जांजगीर शहर) नगर की स्थापना रतनपुर राज्य के हैहयवंशी राजा जाज्वल्य देव प्रथम ने की थी। जांजगीर नाम जाज्वल्यपुर नाम का अपभ्रंश माना जाता है। छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के पहले जांजगीर बिलासपुर जिले के अंतर्गत आता था। 25 मई 1998 को जांजगीर चाम्पा जिले के रूप में बिलासपुर से एक अलग जिला बना जिसका मुख्यालय जांजगीर बना।
समृद्ध जांजगीर
जांजगीर नगर में स्थित विष्णु मंदिर इस जिले के सुनहरे अतीत को दर्शाता है। यह विष्णु मंदिर वैष्णव समुदाय का एक प्राचीन कलात्मक नमूना है। विष्णु मन्दिर को नकटा मन्दिर के नाम से भी जाना जाता है। इसका निर्माण हेहे वंश के शासकों ने 12वीं शताब्दी में कराया था। मन्दिर का निर्माण दो भागों में शुरू किया गया था, लेकिन कोई भी भाग पूरा नहीं हो पाया। इसलिए यह मन्दिर आज भी अधूरा पड़ा हुआ है। मन्दिर की दिवारों पर देवताओं, गन्धर्वो और किन्नरों के सुन्दर चित्र बेहद शानदार है।
इसके पास ही भीमा तालाब है, जो बहुत खूबसूरत और शानदार है। इस तालाब के चारो तरफ को एक बगीचे के रूप में विकसित किया गया है। यहां लोगो हमेशा तांता लगा रहता है। तालाब के दूसरे छोर पर शनि देव विराजे है जहां लोग दर्शन कर बगीचे में आनंद लेते है।
जांजगीर में विष्णु मंदिर के अलावा नहरिया बाबा मंदिर बहुत प्रसिद्ध है। यहां हनुमानजी जी विराजे है। यहां आकर आप हनुमानजी सहित भगवान राम और माता सीता का दर्शन कर मन को शांत कर सकते है। इन दोनों मंदिर के अलावा एक और भव्य मंदिर है जिसे अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के तर्ज पर बनाया गया है। यहां श्याम खाटू महाराज के दर्शन कर सकते है।
जांजगीर के प्रमुख मार्केट प्लेस
जांजगीर शहर के बीचों बीच एक स्टेडियम है जहां लालकिले की तर्ज पर उसकी छवि को बनाया गया है। इसके पास ही दो गार्डन है जहां लोग शाम को धूमने आते है और आनंद लेते है।
जांजगीर स्थित कचहरी चौक इस नगर की सबसे व्यस्त और प्रमुख जगह है। इसके अलावा केरा रोड, बीटीआई चौक, रेलवेस्टेशन स्थित परशुराम चौक यहाँ की मार्केट प्लेस है। इन सब के अलावा जिले के अधिकांश कार्यालय जांजगीर में स्थित है। यहां ठाकुर छेदीलाल स्नातकोत्तर महाविद्यालय, कृषि महाविद्यालय, जाज्वल्यदेव कन्या महाविद्यालय, कृषि विज्ञान केंद्र, और लगभग आधा दर्जन शिक्षा महाविद्यालय स्थित है।
जांजगीर कैसे पहुंचे
सड़क मार्ग द्वारा जांजगीर शहर आसानी से पहुँचा जा सकता है। जांजगीर के लिए बस सेवाएं रायपुर, बिलासपुर, कोरबा, अम्बिकापुर, जैसे अन्य शहरों से जुड़ा हुआ है। इसके अलावा जांजगीर साउथ इस्टर्न सेन्ट्रल रेल मार्ग के माध्यम से जुड़े हुए हैं। इसके साथ ही जांजगीर पहुचने केलिए निकटतम हवाई अड्डा बिलासपुर और रायपुर है जहां से जांजगीर पहुंचा जा सकता है।