City Palace Udaipur : जहां हर दीवार, हर पेंटिंग, हर नक्काशी, कहानी कहती है

City Palace Udaipur : एक राजसी यात्रा जो दिल को छू जाए

हाय दोस्तों! कैसे हो? मैं हूँ आपका दोस्त अमित, एक ऐसे  घुमक्कड़, जो अपने बैग में ढेर सारी कहानियाँ और कुछ धूल-मिट्टी भरे जूते लेकर घूमता रहता है। आज मैं आपको ले चलता हूँ उदयपुर के उस शानदार ठिकाने पर, जिसे देखकर दिल में बस एक ही बात आती है – “वाह, क्या जगह है यार!” जी हाँ, मैं बात कर रहा हूँ City Palace Udaipur की, जो न सिर्फ़ राजस्थान की शान है, बल्कि एक ऐसी जगह है जो आपको इतिहास, संस्कृति और ख़ूबसूरती के रंगों में डुबो देती है। तो चलिए, अपने इस Khunsurat Bharat के दोस्त के साथ एक मजेदार, इमोशनल और थोड़ा मस्ती भरे अंदाज़ में City Palace Udaipur की सैर पर निकलते हैं।

वो शहर जो दिल में बस जाता है

यार, उदयपुर को “पूर्व का वेनिस” यूं ही नहीं कहते। पिछोला झील के किनारे बसा ये शहर अपनी ख़ूबसूरती से हर किसी को दीवाना बना देता है। मैंने इससे पहले अपने Khubsurat Bharat ब्लॉग पर Lake City Udaipur के बारे में एक पोस्ट लिखी थी, जिसमें मैंने बताया था कि कैसे इस शहर की झीलें, महल और रंग-बिरंगी गलियाँ हर घुमक्कड़ का दिल चुरा लेती हैं। अगर आपने वो पोस्ट नहीं पढ़ी, तो यहाँ क्लिक करके ज़रूर देख लीजिए: उदयपुर की ख़ूबसूरत। और हाँ, अगर आप राजस्थान की सैर का मन बना रहे हैं, तो मेरी दूसरी पोस्ट Rajasthan Yatra भी पढ़ लीजिएगा। उसमें मैंने राजस्थान के हर कोने की ख़ासियत बताई है, जो आपके लिए टूर प्लान करने में मदद करेगी। उदयपुर के बारे में और जानने के लिए आप Incredible India की वेबसाइट भी चेक कर सकते हैं, जहाँ इस शहर की ख़ूबसूरती को बख़ूबी दिखाया गया है।

खैर, अब बात करते हैं City Palace Udaipur की, जो उदयपुर का दिल है। ये महल सिर्फ़ एक इमारत नहीं, बल्कि मेवाड़ के राजवंश की शान, उनके गौरव और उनकी कहानियों का जीता-जागता सबूत है। जब मैं यहाँ पहुँचा, तो ऐसा लगा जैसे मैं समय की मशीन में बैठकर सैकड़ों साल पीछे चला गया हूँ।

City Palace Udaipur में पहला कदम 

दोस्तों, City Palace Udaipur में घुसते ही आपको ऐसा लगेगा जैसे आप किसी राजा-महाराजा की दुनिया में कदम रख रहे हैं। इस महल का निर्माण 1559 में महाराणा उदय सिंह द्वितीय ने शुरू किया था, और फिर उनके बाद कई पीढ़ियों ने इसे और भव्य बनाया। इसकी वास्तुकला के बारे में और जानने के लिए आप Rajasthan Tourism की साइट देख सकते हैं। ये महल इतना विशाल है कि इसे देखने में पूरा दिन निकल जाए, और फिर भी मन भरा न भरे।

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मैं सुबह-सुबह यहाँ पहुँचा, क्योंकि भाई, अगर आप City Palace Udaipur की सैर करना चाहते हैं, तो सुबह का समय सबसे अच्छा है। भीड़ कम होती है, और आप आराम से हर कोने को देख सकते हैं। टिकट काउंटर पर थोड़ी सी लाइन थी, लेकिन वो भी जल्दी ख़त्म हो गई। टिकट के दाम हैं 300 रुपये बड़ों के लिए और 100 रुपये बच्चों (5 से 18 साल) के लिए। अगर आप फोटोग्राफी के शौक़ीन हैं, जैसे कि मैं हूँ, तो इसके लिए अलग से 250 रुपये देने पड़ते हैं। और हाँ, अगर आप वीडियो बनाना चाहते हैं, तो 500 रुपये का एक्सट्रा चार्ज है। मेरे जैसे लोग, जो हर चीज़ को कैमरे में कैद करना चाहते हैं, उनके लिए ये छोटा-सा ख़र्च बिल्कुल वाजिब है। अगर आप टिकट की लेटेस्ट जानकारी चाहते हैं, तो City Palace Udaipur की ऑफ़िशियल वेबसाइट चेक कर लीजिए।

वो पल जब मैंने पहली बार City Palace Udaipur देखा

यार, जब मैं Badi Pol (मुख्य द्वार) से अंदर दाख़िल हुआ, तो ऐसा लगा जैसे मैं किसी पुरानी हिंदी फ़िल्म के सेट पर आ गया हूँ। वो ऊँची-ऊँची दीवारें, नक्काशीदार मेहराबें, और चारों तरफ़ फैली वो राजसी ठसक – बिल्कुल किसी राजा के महल जैसा। यहाँ से आप Tripolia Gate की ओर बढ़ते हैं, जो एक तिहरा मेहराब वाला द्वार है। मुझे याद है, मैंने यहाँ खड़े होकर एक सेल्फ़ी ली थी, और पीछे दिख रहा था पिछोला झील का नज़ारा। वो तस्वीर आज भी मेरे फ़ोन की गैलरी में सबसे ख़ास है। अगर आप उदयपुर की और ख़ूबसूरत जगहों की सैर करना चाहते हैं, तो इस पोस्ट के रिलेटेड पोस्ट सेक्शन में वो सब कुछ है जो आपको चाहिए।

City Palace Udaipur का सबसे मज़ेदार हिस्सा है इसका म्यूज़ियम, जो मर्दाना महल और ज़नाना महल में बँटा हुआ है। म्यूज़ियम में आपको मेवाड़ के राजाओं की ज़िंदगी की झलक मिलती है। पुराने हथियार, शाही कपड़े, चमचमाते चाँदनी, और रंग-बिरंगे चित्र – हर चीज़ आपको उस दौर में ले जाती है। मुझे ख़ास तौर पर Mor Chowk (मोर चौक) बहुत पसंद आया। यहाँ की दीवारों पर रंगीन काँच और टाइल्स से बनी मोर की आकृतियाँ इतनी ख़ूबसूरत हैं कि आप बस देखते रह जाएँ। मैंने यहाँ आधा घंटा बिताया, सिर्फ़ उन मोरों को निहारते हुए। अगर आप भारतीय कला और संस्कृति में रुचि रखते हैं, तो National Museum की साइट पर ऐसी कई कलाकृतियों की जानकारी मिल सकती है।

City Palace Udaipur में जब मैं खो गया

अब ज़रा मेरी एक छोटी-सी कहानी सुनिए, दोस्त। मैं City Palace Udaipur के गलियारों में इतना खो गया था कि एक बार तो सचमुच रास्ता भूल गया। ये महल इतना बड़ा है, और इसके गलियारे इतने पेचीदा हैं, कि आप एक कमरे से दूसरे में जाते-जाते कहीं और निकल आते हैं। मैं Sheesh Mahal (शीश महल) देख रहा था, जहाँ दीवारों और छतों पर शीशे की जटिल कारीगरी है। वो चमक, वो रौशनी, और वो जादुई अहसास – मैं तो बस मंत्रमुग्ध हो गया। फिर अचानक मुझे एहसास हुआ कि मैं अपने ग्रुप से बिछड़ गया हूँ।

थोड़ा घबराया, लेकिन फिर एक गाइड की मदद से मैं वापस अपने दोस्तों के पास पहुँचा। उस गाइड ने मुझे बताया कि ये गलियारे जानबूझकर ऐसे बनाए गए थे ताकि दुश्मनों को भ्रमित किया जा सके। यार, ये सुनकर तो मुझे मेवाड़ के राजाओं की अक्लमंदी पर और ज़्यादा इज़्ज़त हो गई। अगर आप भी यहाँ जाएँ, तो मेरी सलाह है कि एक गाइड ज़रूर ले लें। ये लोग 300-400 रुपये में आपको ऐसी-ऐसी कहानियाँ सुनाएँगे कि आपकी सैर और भी मज़ेदार हो जाएगी। अगर आप राजस्थान की और जगहों की कहानियाँ सुनना चाहते हैं, तो मेरी Rajasthan Yatra से जुड़े पोस्ट में ढेर सारी कहानियाँ हैं। और हाँ, मेवाड़ के इतिहास के बारे में और जानने के लिए Wikipedia की साइट भी देख सकते हैं।

City Palace Udaipur की ख़ासियतें

City Palace Udaipur की सबसे बड़ी ख़ासियत है इसका राजस्थानी और मुग़ल स्थापत्य का मेल। इस महल में आपको हर कोने में कुछ न कुछ अनोखा मिलेगा। चलिए, मैं आपको कुछ ख़ास जगहों के बारे में बताता हूँ:

City Palace udaipur image

  1. Mor Chowk: जैसा मैंने पहले बताया, ये मोर चौक इस महल का सबसे ख़ूबसूरत हिस्सा है। यहाँ की दीवारों पर बनी मोर की आकृतियाँ रंगीन काँच और टाइल्स से सजी हैं, जो अलग-अलग मौसमों को दर्शाती हैं। मैं जब यहाँ खड़ा था, तो ऐसा लगा जैसे मैं किसी कला प्रदर्शनी में हूँ।
  2. Sheesh Mahal: ये शीश महल सचमुच जादुई है। दीवारों और छतों पर लगे शीशे रौशनी को इस तरह बिखेरते हैं कि पूरा कमरा चमक उठता है। मैंने यहाँ एक तस्वीर खींची, जिसमें मेरा चेहरा सौ बार रिफ्लेक्ट हो रहा था – मज़ा ही आ गया!
  3. Krishna Vilas: ये हिस्सा राजसी चित्रों और कलाकृतियों से भरा हुआ है। यहाँ आपको भगवान कृष्ण और मेवाड़ के राजपरिवार की कहानियों से जुड़े चित्र देखने को मिलेंगे। मुझे यहाँ एक चित्र बहुत पसंद आया, जिसमें महाराणा प्रताप अपने घोड़े चेतक के साथ दिख रहे थे।
  4. Crystal Gallery: दोस्तों, अगर आपने Crystal Gallery नहीं देखी, तो आपकी उदयपुर यात्रा अधूरी है। यहाँ क्रिस्टल से बनी चीज़ें – जैसे कि फर्नीचर, झाड़-फानूस, और यहाँ तक कि एक क्रिस्टल का बिस्तर भी – आपको हैरान कर देगा। मैं तो बस सोच रहा था कि इतना क्रिस्टल इकट्ठा करने में कितना समय और मेहनत लगी होगी! अगर आप क्रिस्टल कला के बारे में और जानना चाहते हैं, तो Victoria and Albert Museum की साइट पर ऐसी चीज़ों की जानकारी मिल सकती है।
  5. Vintage Car Collection: कारों के शौक़ीनों के लिए ये जगह जन्नत है। यहाँ मेवाड़ के राजाओं की पुरानी गाड़ियाँ रखी हैं, जिनमें 1924 की रॉल्स रॉयस और जेम्स बॉन्ड की फ़िल्म Octopussy में इस्तेमाल हुई कार भी शामिल है। मैंने यहाँ एक गाइड से सुना कि इन गाड़ियों को आज भी मेंटेन किया जाता है, और वो चलने की हालत में हैं। अगर आप विंटेज कारों में रुचि रखते हैं, तो Classic Car Museum की वेबसाइट पर और जानकारी मिल सकती है।

जब मैंने पिछोला झील को देखा

City Palace Udaipur की छतों से आपको पिछोला झील का जो नज़ारा दिखता है, वो किसी जादू से कम नहीं। मैं जब वहाँ खड़ा था, सूरज डूब रहा था, और झील का पानी सुनहरा हो रहा था। दूर-दूर तक फैली अरावली की पहाड़ियाँ, और बीच में तैरता हुआ Lake Palace – यार, वो पल मेरे दिल में हमेशा के लिए बस गया। मैंने वहाँ खड़े-खड़े सोचा कि कैसे मेवाड़ के राजाओं ने इस जगह को चुना होगा अपनी राजधानी के लिए। शायद वो भी इस ख़ूबसूरती के दीवाने थे। अगर आप इस नज़ारे को और बेहतर तरीक़े से समझना चाहते हैं, तो Lonely Planet पर उदयपुर के बारे में ढेर सारी जानकारी मिलेगी।

उस पल में मुझे अपनी दादी की बात याद आई। वो हमेशा कहती थीं, “बेटा, दुनिया में ऐसी जगहें हैं जो सिर्फ़ देखने के लिए नहीं, बल्कि महसूस करने के लिए बनी हैं।” City Palace Udaipur ऐसी ही जगह है। यहाँ हर दीवार, हर कोना, और हर नज़ारा आपको कुछ न कुछ कहता है। अगर आप उदयपुर की और ऐसी ख़ूबसूरत जगहों के बारे में जानना चाहते हैं, तो मेरी उदयपुर ट्रैवल गाइड ज़रूर पढ़ें।

मेवाड़ का इतिहास

दोस्तों, City Palace Udaipur सिर्फ़ एक ख़ूबसूरत इमारत नहीं, बल्कि मेवाड़ के गौरवशाली इतिहास का प्रतीक है। मेवाड़ के राजाओं ने कभी भी मुग़लों के सामने सिर नहीं झुकाया। महाराणा प्रताप की कहानियाँ तो हम सबने सुनी हैं। उनकी वीरता, उनके घोड़े चेतक की बहादुरी, और हल्दीघाटी की जंग – ये सब इस महल की दीवारों में बस्ता है।

म्यूज़ियम में एक गैलरी है, जो महाराणा प्रताप को समर्पित है। यहाँ उनकी तलवार, कवच, और चेतक का कवच देखकर मेरे रोंगटे खड़े हो गए। मैंने सोचा, यार, कितना जज़्बा रहा होगा उनमें, जो उन्होंने इतने बड़े साम्राज्य के ख़िलाफ़ डटकर मुक़ाबला किया। अगर आप इतिहास में रुचि रखते हैं, तो ये गैलरी आपके लिए मस्ट-विज़िट है। मेवाड़ के इतिहास की और जानकारी के लिए History of Mewar की साइट चेक कर सकते हैं। और हाँ, राजस्थान के इतिहास की और कहानियाँ जानने के लिए मेरी अन्य पोस्ट ज़रूर देखें।

City Palace Udaipur की रौनक: साउंड एंड लाइट शो

अब ज़रा मस्ती की बात कर लेते हैं। City Palace Udaipur में हर शाम एक Mewar Sound & Light Show होता है, जिसे “यश की धरोहर” कहते हैं। ये शो हिंदी और अंग्रेज़ी दोनों में होता है, और इसमें मेवाड़ के इतिहास को लाइट्स और साउंड के ज़रिए ज़िंदा किया जाता है। मैंने ये शो देखा, और यक़ीन मानिए, ऐसा लगा जैसे मैं खुद उस दौर में चला गया हूँ। शो के टिकट के दाम हैं 200 रुपये (हिंदी) और 250 रुपये (अंग्रेज़ी)। मेरी सलाह है कि इसे मिस न करें, क्योंकि ये आपके City Palace Udaipur के अनुभव को और भी यादगार बना देगा। इस शो की और जानकारी के लिए Udaipur Blog देख सकते हैं।

आसपास की सैर और बहुत कुछ है

City Palace Udaipur की सैर ख़त्म करने के बाद आप आसपास की कुछ और जगहें भी देख सकते हैं। यहाँ से Jagdish Temple बस कुछ मिनट की दूरी पर है, जो एक पुराना और ख़ूबसूरत मंदिर है। इसके अलावा, आप Lake Pichola पर बोट राइड का मज़ा ले सकते हैं। मैंने ये बोट राइड की थी, और यार, वो अनुभव तो बस लाजवाब था। झील के बीच में Jag Mandir और Lake Palace को देखकर ऐसा लगा जैसे मैं किसी सपनों की दुनिया में हूँ। अगर आप बोट राइड की बुकिंग करना चाहते हैं, तो Rajasthan Tourism की साइट पर ऑनलाइन ऑप्शन्स मिल जाएँगे।

इन सब के अलावा आप Bagore ki haveli, Fateh Sagar Lake, और Monsoon Palace को भी जरूर देखे। अगर आप शॉपिंग के शौक़ीन हैं, तो City Palace Udaipur के पास की गलियों में आपको ढेर सारी हस्तकला की दुकानें मिलेंगी। मैंने यहाँ से एक रंग-बिरंगी राजस्थानी पेंटिंग ख़रीदी, जो अब मेरे घर की शोभा बढ़ा रही है। उदयपुर की शॉपिंग और मार्केट्स के बारे में और जानने के लिए TripAdvisor की साइट पर ढेर सारे रिव्यूज़ मिल जाएँगे।

प्रैक्टिकल टिप्स: सैर को बनाएँ और मज़ेदार

दोस्तों, अगर आप City Palace Udaipur जाने का प्लान बना रहे हैं, तो मेरे कुछ टिप्स आपके काम आएँगे:

  • सुबह जल्दी जाएँ: सुबह 9:30 बजे से महल खुलता है, और इस समय भीड़ कम होती है। आप आराम से फोटो ले सकते हैं और हर कोने को देख सकते हैं।
  • गाइड लें: एक गाइड आपकी सैर को और भी मज़ेदार बना देगा। वो आपको ऐसी कहानियाँ सुनाएगा, जो आप गूगल पर नहीं पढ़ सकते।
  • आरामदायक जूते पहनें: महल बहुत बड़ा है, और आपको काफ़ी चलना पड़ेगा। मेरे एक दोस्त ने हाई हील्स पहन ली थीं, और फिर वो पूरे समय बस शिकायत करती रही।
  • सनसेट का मज़ा लें: अगर आप शाम तक रुक सकते हैं, तो छत से सूरज डूबते देखें। ये नज़ारा आप कभी नहीं भूलेंगे। 
  • पानी और स्नैक्स साथ रखें: महल के अंदर खाने-पीने की चीज़ें थोड़ी महँगी हैं, तो बेहतर है कि आप अपनी वॉटर बॉटल और कुछ स्नैक्स साथ ले जाएँ।

ख़ूबसूरत भारत के लिए एक ख़ास जगह

दोस्तों, Khubsurat Bharat के इस सफ़र में City Palace Udaipur एक ऐसी जगह है, जो हर भारतीय के दिल में गर्व का अहसास जगाती है। ये महल सिर्फ़ पत्थरों और दीवारों का ढाँचा नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति, हमारे इतिहास, और हमारे गौरव का प्रतीक है। मैं जब यहाँ से वापस लौटा, तो मेरे साथ सिर्फ़ तस्वीरें और स्मृतियाँ ही नहीं, बल्कि एक गहरा अहसास भी था – कि हमारा भारत कितना ख़ूबसूरत और समृद्ध है।

अगर आप उदयपुर जाने का प्लान बना रहे हैं, तो City Palace Udaipur को अपनी लिस्ट में सबसे ऊपर रखिए। और हाँ, मेरे उदयपुर वाले पोस्ट्स ज़रूर पढ़िए, ताकि आपकी यात्रा और भी मज़ेदार हो। भारत की और ख़ूबसूरत जगहों के बारे में जानने के लिए Incredible India की साइट भी ज़रूर देखें।

तो दोस्तों, अगली बार जब आप उदयपुर जाएँ, तो City Palace Udaipur में मेरी तरह खो जाइए, और इस ख़ूबसूरत जगह की हर कहानी को अपने दिल में बसाइए। और हाँ, अपनी यात्रा की कहानियाँ मेरे साथ ज़रूर शेयर करना, क्योंकि यार, घुमक्कड़ी की कहानियाँ ही तो ज़िंदगी को रंगीन बनाती हैं!

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