Prayagraj To Ayodhya Distance : एक यात्री की नजर से खूबसूरत भारत की सैर
हाय दोस्तों, मैं आपका दोस्त अमित, एक घुमक्कड़, जो जांजगीर की गलियों से निकलकर भारत के कोने-कोने की सैर करता है। आज मैं आपको ले चलता हूं एक ऐसी यात्रा पर, जो सिर्फ़ दो शहरों के बीच की दूरी नहीं, बल्कि इतिहास, आस्था, और भावनाओं का संगम है। जी हां, बात हो रही है प्रयागराज से अयोध्या की यात्रा की। ये वो रास्ता है, जो न सिर्फ़ सड़कों से जोड़ता है, बल्कि दिलों को भी आस्था और संस्कृति के रंगों से रंग देता है। तो चलिए, मेरे साथ इस सफर में, और मैं आपको बताता हूं कि ये यात्रा कितनी खास है, कैसे की जाए, और रास्ते में क्या-क्या देखने लायक है। तो चलिए देखते हैं Prayagraj To Ayodhya Distance के बारे में एक खूबसूरत सफर।
Prayagraj To Ayodhya Distance दो आध्यात्मिक धामों का मिलन
प्रयागराज और अयोध्या, यार, ये दो शहर भारत के वो रत्न हैं, जिनका नाम सुनते ही मन में आस्था और इतिहास की तस्वीरें उभरने लगती हैं। प्रयागराज, जहां गंगा, यमुना और सरस्वती का त्रिवेणी संगम है, वो जगह जहां कुंभ मेला लगता है और हर साल लाखों लोग डुबकी लगाने आते हैं। और फिर अयोध्या, भगवान राम की जन्मभूमि, जहां हर गली, हर मंदिर, हर घाट रामायण की कहानियों को गुनगुनाता है। इन दोनों शहरों के बीच की दूरी सिर्फ़ सड़क की नहीं, बल्कि एक यात्री के लिए ये एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक यात्रा है।
मैंने जब पहली बार Prayagraj To Ayodhya Distance सफर किया था, तब मैंने सोचा था कि बस एक साधारण रोड ट्रिप होगी। लेकिन दोस्तों, ये सफर मेरे लिए कुछ और ही बन गया। रास्ते में पड़ने वाले छोटे-छोटे गांव, नदियों के किनारे की हरियाली, और वो स्थानीय ढाबों की चाय और पकौड़ियां—सब कुछ जैसे दिल को छू गया। तो अगर आप भी इस Prayagraj To Ayodhya Distance यात्रा को प्लान कर रहे हैं, तो मेरे साथ चलिए, मैं आपको बताता हूं कि प्रयागराज से अयोध्या की दूरी कितनी है, कैसे जाया जाए, और रास्ते में क्या-क्या मजा ले सकते हैं।
Prayagraj To Ayodhya Distance और यात्रा के तरीके
चलो, सबसे पहले बात करते हैं दूरी की। Prayagraj to Ayodhya distance करीब 170 से 180 किलोमीटर है, ये इस बात पर निर्भर करता है कि आप कौन सा रास्ता चुनते हैं। सड़क मार्ग से ये दूरी तय करने में औसतन 4 से 5 घंटे लगते हैं, लेकिन अगर रास्ते में रुककर ढाबे की चाय पी जाए या कोई छोटा-मोटा मंदिर देख लिया जाए, तो समय थोड़ा और लग सकता है। मैंने जब ये सफर किया था, तो मैंने NH19 और NH27 वाला रास्ता चुना था, जो सबसे सीधा और अच्छा रास्ता है। सड़कें ज्यादातर अच्छी हालत में हैं, और गाड़ी चलाते वक्त आपको खेतों, नदियों, और छोटे-छोटे कस्बों के नजारे मिलते हैं।
सड़क मार्ग से यात्रा Prayagraj To Ayodhya Distance
सड़क मार्ग से जाने के लिए NH19 और NH27 सबसे लोकप्रिय रास्ता है। ये रास्ता अच्छा है, और जगह-जगह ढाबे और पेट्रोल पंप मिल जाते हैं। अगर आप अपनी गाड़ी से जा रहे हैं, तो रास्ते में सुल्तानपुर और प्रतापगढ़ जैसे शहर पड़ते हैं। सुल्तानपुर में एक छोटा सा ब्रेक ले सकते हैं, वहां का कोफ्ता करी और लिट्टी चोखा जरूर ट्राई करें। मैंने जब सुल्तानपुर में एक ढाबे पर रुककर लिट्टी चोखा खाया था, तो यार, वो स्वाद आज भी जीभ पर है। ढाबे वाले भैया ने इतने प्यार से परोसा कि मैंने दो प्लेट और खा ली थी!
अगर आप बस से जाना चाहते हैं, तो उत्तर प्रदेश स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (UPSRTC) की बसें प्रयागराज के सिविल लाइन्स या नैनी से चलती हैं और अयोध्या के मुख्य बस स्टैंड पर छोड़ती हैं। बस का किराया करीब 200-300 रुपये होता है, और यात्रा आरामदायक होती है। प्राइवेट बसें भी मिल जाएंगी, लेकिन यार, UPSRTC की बसें ज्यादा भरोसेमंद हैं।
ट्रेन से Prayagraj To Ayodhya Distance
अगर आप ट्रेन से जाना चाहते हैं, तो प्रयागराज जंक्शन और अयोध्या के बीच कई ट्रेनें चलती हैं, जैसे Saryu Express और Intercity Express। यात्रा में 4 से 5 घंटे लगते हैं, और टिकट की कीमत 150-500 रुपये के बीच होती है, ये डिपेंड करता है कि आप AC कोच ले रहे हैं या स्लीपर। मैंने एक बार सायु एक्सप्रेस से ये सफर किया था, और खिड़की वाली सीट पर बैठकर बाहर के नजारे देखना—वो अनुभव ही अलग था। खेतों में लहराती फसलें, दूर कहीं मंदिर की घंटियां, और ट्रेन की वो खटखट—बस, मन को सुकून दे गया।
हवाई मार्ग से Prayagraj To Ayodhya Distance
अब अगर आप हवाई जहाज से जाना चाहते हैं, तो थोड़ा टेढ़ी खीर है। प्रयागराज में बमरौली एयरपोर्ट है, और अयोध्या में हाल ही में नया Ayodhya Airport खुला है। लेकिन डायरेक्ट फ्लाइट्स अभी कम हैं, तो आपको लखनऊ या वाराणसी उतरकर फिर सड़क मार्ग से अयोध्या जाना पड़ सकता है। अगर आप हवाई मार्ग चुन रहे हैं, तो मेरा सुझाव है कि लखनऊ उतरें और वहां से बस या टैक्सी ले लें। लखनऊ से अयोध्या करीब 130 किलोमीटर है, और रास्ता बहुत अच्छा है।
मेरे प्रयागराज और अयोध्या सफर के बारे में जानना चाहते है तो इसे देखे :
- Prayagraj Travel Guide : इतिहास, आध्यात्मिकता और संस्कृति का संगम
- Ayodhya Yatra : क्या आप भी अयोध्या जाना चाहते हैं? जाने से पहले जरूर देखें
Prayagraj To Ayodhya Distance में क्या देखें, क्या करें?
यार, ये Prayagraj To Ayodhya Distance सफर सिर्फ़ दूरी तय करने का नहीं, बल्कि रास्ते के मजे लेने का है। प्रयागराज से अयोध्या जाते वक्त कई ऐसी जगहें हैं, जो आपका ध्यान खींच लेंगी। चलिए, मैं आपको कुछ खास जगहों के बारे में बताता हूं।
त्रिवेणी संगम, प्रयागराज
सफर शुरू करने से पहले, अगर आप प्रयागराज में हैं, तो त्रिवेणी संगम जरूर जाएं। ये वो जगह है जहां गंगा, यमुना, और सरस्वती मिलती हैं। मैं जब वहां गया था, तो नाव में बैठकर संगम के बीच में गया, और यार, वो शांति, वो ठंडी हवा—ऐसा लगा जैसे सारी टेंशन पानी में बह गई। अगर आप सुबह-सुबह जाएं, तो सूरज की पहली किरणों के साथ संगम का नजारा और भी खूबसूरत लगता है। त्रिवेणी संगम के बारे में और जानने के लिए।
सुल्तानपुर के ढाबे
रास्ते में सुल्तानपुर पड़ता है, और वहां के ढाबे तो भाई, लाजवाब हैं। एक बार मैंने वहां एक ढाबे पर रुककर आलू पराठा और चाय ऑर्डर की थी। ढाबे वाला भैया इतना मजाकिया था कि उसने अपनी लव स्टोरी तक सुना दी! वो खाना और वो गप्पे—सचमुच, रास्ते का मजा दोगुना हो गया। अगर आप ढाबे पर रुकें, तो Litti Chokha जरूर ट्राई करें।
अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर
अयोध्या पहुंचने के बाद पहला पड़ाव होना चाहिए Ram Janmabhoomi Temple। ये मंदिर भगवान राम की जन्मभूमि पर बना है, और 2024 में इसका उद्घाटन हुआ। यार, इस मंदिर की भव्यता देखकर आंखें भर आई थीं। वो नक्काशी, वो पत्थर के खंभे, और वो आध्यात्मिक माहौल—सब कुछ जैसे आपको रामायण के दौर में ले जाता है। सुबह या शाम के समय दर्शन के लिए जाएं, क्योंकि तब भीड़ कम होती है। राम जन्मभूमि के बारे में और जानें।
हनुमान गढ़ी
राम मंदिर के बाद हनुमान गढ़ी जरूर जाएं। ये मंदिर एक छोटी सी पहाड़ी पर है, और वहां पहुंचने के लिए करीब 70 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। लेकिन दोस्तों, वो नजारा—वो ऊपर से अयोध्या का दृश्य—सब कुछ भूल जाएंगे। मैं जब वहां गया था, तो एक बंदर मेरे पास आया और मेरे बैग से बिस्किट ले गया! हंसते-हंसते पेट में दर्द हो गया था। लेकिन सचमुच, हनुमान गढ़ी का आध्यात्मिक माहौल आपको सुकून देगा।
सरयू नदी का घाट
अयोध्या में सरयू नदी का घाट वो जगह है, जहां आप चैन की सांस ले सकते हैं। मैंने वहां सूर्यास्त देखा था, और यार, वो नजारा आज भी मेरे दिल में बसा है। नदी के किनारे बैठकर, घाट की सीढ़ियों पर चलते हुए, और वहां की शांति को महसूस करते हुए—ऐसा लगता है जैसे समय ठहर गया हो। अगर आप फोटोग्राफी के शौकीन हैं, तो सरयू घाट पर कुछ शानदार तस्वीरें ले सकते हैं।
खूबसूरत सफर की खूबसूरत यादें
यार, अब जरा आपको अपनी एक पर्सनल कहानी सुनाता हूं। मैंने ये सफर पहली बार अपनी मां के साथ किया था। मां को राम भक्ति की ऐसी लगन है कि वो हर साल अयोध्या जाना चाहती हैं। लेकिन उस बार वो थोड़ा बीमार थीं, और मैं डर रहा था कि कहीं यात्रा उनके लिए मुश्किल न हो जाए। फिर भी, मां की जिद थी कि वो राम लला के दर्शन जरूर करेंगी। हमने ट्रेन से सफर किया, और रास्ते में मां मुझे रामायण की कहानियां सुनाती रहीं। जब हम राम जन्मभूमि मंदिर पहुंचे, तो मां की आंखों में जो चमक थी, वो मैं कभी नहीं भूल सकता। उन्होंने कहा, “बेटा, ये जगह सिर्फ़ मंदिर नहीं, ये मेरे राम का घर है।” उस पल मैं थोड़ा इमोशनल हो गया था।
उस यात्रा ने मुझे सिखाया कि सफर सिर्फ़ जगहों को देखने का नहीं, बल्कि अपने भीतर की आस्था और अपने अपनों के साथ बिताए पलों को संजोने का होता है। तो अगर आप अपने परिवार या दोस्तों के साथ इस यात्रा को प्लान कर रहे हैं, तो यकीन मानिए, ये सिर्फ़ एक ट्रिप नहीं, बल्कि एक यादगार अनुभव होगा।
अयोध्या में और क्या देखें?
अयोध्या में राम जन्मभूमि और हनुमान गढ़ी तो ठीक है, लेकिन और भी कई जगहें हैं जो आपको देखनी चाहिए।
दशरथ भवन
ये वो जगह है जहां राजा दशरथ का महल था। मंदिर जैसा ज्यादा नहीं लगता, लेकिन अंदर की मूर्तियां और भक्ति का माहौल आपको रामायण के दौर में ले जाएगा। मैं जब वहां गया था, तो वहां भजन गा रहे कुछ भक्तों के साथ बैठ गया। उनकी आवाज में इतना सुकून था कि मैं आधा घंटा वही बैठा रहा।
त्रेता के ठाकुर
ये मंदिर वो जगह है जहां भगवान राम ने अश्वमेध यज्ञ किया था। यहां की प्राचीन मूर्तियां और शांत माहौल आपको इतिहास से जोड़ देता है। भीड़ कम होती है, तो अगर आप शांति में दर्शन करना चाहते हैं, तो ये जगह परफेक्ट है।
कनक भवन
ये मंदिर माता सीता को समर्पित है, और इसे सोने का घर भी कहते हैं। मंदिर की नक्काशी और वहां का वाइब इतना खूबसूरत है कि आप मंत्रमुग्ध हो जाएंगे। मैंने वहां एक पुजारी से बात की थी, जिन्होंने बताया कि ये मंदिर सीता जी को उनके ससुराल की तरफ से तोहफा था।
Prayagraj To Ayodhya Distance यात्रा के टिप्स
चलो, अब कुछ प्रैक्टिकल टिप्स दे देता हूं, ताकि आपका सफर और मजेदार हो:
- सही समय चुनें: अयोध्या में राम नवमी और दिवाली के समय बहुत भीड़ होती है। अगर आप शांत यात्रा चाहते हैं, तो जनवरी-फरवरी या सितंबर-अक्टूबर में जाएं।
- कपड़े: मंदिरों में पारंपरिक कपड़े पहनें। पुरुषों के लिए कुर्ता-पायजामा और महिलाओं के लिए साड़ी या सूट बेस्ट है। शॉर्ट्स या स्लीवलेस कपड़े अवॉइड करें।
- खाना: अयोध्या में शाकाहारी खाना आसानी से मिलता है। सरयू घाट के पास की मिठाइयां और लोकल रेस्तरां के पराठे जरूर ट्राई करें।
- सुरक्षा: मंदिरों में जूते चप्पल संभालकर रखें। मैंने एक बार हनुमान गढ़ी में अपने जूते खो दिए थे, और फिर नंगे पांव घूमना पड़ा था—वो भी एक मजेदार अनुभव था!
खूबसूरत भारत के लिए ये यात्रा क्यों खास है?
खूबसूरत भारत का मकसद है भारत की उन कहानियों को दिखाना, जो सिर्फ़ जगहों तक सीमित नहीं, बल्कि भावनाओं, आस्था, और संस्कृति से जुड़ी हैं। Prayagraj To Ayodhya Distance का ये सफर ऐसा ही है। ये सिर्फ़ 170 किलोमीटर की दूरी नहीं, बल्कि एक ऐसा अनुभव है, जो आपको अपने देश की जड़ों से जोड़ता है। मैंने जब ये यात्रा की थी, तो मुझे एहसास हुआ कि भारत कितना खूबसूरत है—न सिर्फ़ अपनी प्राकृतिक सुंदरता में, बल्कि अपनी कहानियों, अपनी आस्था, और अपने लोगों में।
तो दोस्तों, अगर आप इस यात्रा को प्लान कर रहे हैं, तो बस बैग पैक करें, अपने परिवार या दोस्तों को साथ लें, और निकल पड़ें। और हां, अगर आपको मेरी ये कहानी पसंद आई, तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करें, और खूबसूरत भारत पर ऐसी ही और कहानियां पढ़ने के लिए बने रहें।
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